वर्ष 2025 में सोशल मीडिया पर काफी अधिक viral हुए भारत के 5 सितारे, मिलिए भारत के इन असली नायको से....
वर्ष 2025 ने यह साबित कर दिया कि शिक्षा सुविधा या चार दीवारी की मोहताज नहीं है। कभी यह मिट्टी के घर में, कभी ₹1 की गुरु दक्षिणा में, और कभी घने जंगल में भी पहुँचती है। छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक—इन 5 शिक्षकों ने अपने हौसले और समर्पण से शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति ला दी है।
(1) डॉ. केसी सिन्हा: गणित के विशेषज्ञ, जिनकी राजनीतिक पारी रही चर्चा में
डॉ. केसी सिन्हा एक ऐसा नाम है जो दशकों से बिहार और भारत में गणित शिक्षा का पर्याय रहा है।
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शैक्षणिक प्रतिष्ठा: डॉ. सिन्हा को देश के सर्वश्रेष्ठ गणित विशेषज्ञों में गिना जाता है। उन्होंने 70 से अधिक पाठ्यपुस्तकें लिखी हैं, जो न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाई जाती हैं। उनके पढ़ाए हुए छात्र आज देश-विदेश में ऊंचे प्रशासनिक और शैक्षणिक पदों पर कार्यरत हैं।
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प्रशासनिक पद: वह नालंदा खुला विश्वविद्यालय (Nalanda Open University) के कुलपति (Vice-Chancellor) के रूप में कार्य कर चुके हैं, साथ ही उन्होंने पटना विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति का पद भी संभाला है।
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2025 में चर्चा का कारण: चुनावी हार: 2025 के अंतिम दौर में वह अप्रत्याशित रूप से जन सुराज पार्टी के टिकट पर पटना जिले की कुम्हरार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के कारण सुर्खियों में आए। उनकी चर्चा इसलिए अधिक हुई क्योंकि इतनी विशाल शैक्षणिक प्रतिष्ठा वाले प्रोफेसर को चुनाव में केवल 15,000 वोट ही मिले, जिसके बाद सोशल मीडिया पर शिक्षा की कीमत बनाम राजनीति की व्यावहारिकता को लेकर बहस छिड़ गई थी।
(2) खान सर: शिक्षा और सोशल मीडिया के स्टार
खान सर, जिनका असली नाम फैजल खान बताया जाता है, अपनी अनोखी शिक्षण शैली, बिहारी लहजे और जटिल विषयों को सरल बनाने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं।
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शैक्षणिक सफर: सेना में जाने का सपना पूरा न होने पर, उन्होंने आर्थिक तंगी के बावजूद शिक्षण को अपना करियर चुना। उन्होंने पटना में एक छोटी सी ट्यूशन क्लास से शुरुआत की, जो जल्द ही एक बड़े कोचिंग संस्थान में बदल गया।
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ऑनलाइन क्रांति: उनकी पहचान मुख्य रूप से उनके YouTube चैनल से है, जहाँ वह करंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराते हैं। उनकी क्लास में गंभीर विषयों को भी मज़ाकिया अंदाज़ में समझाया जाता है, जिससे वे छात्रों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं।
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2025 में चर्चा का कारण: 2025 में खान सर अपनी निजी जिंदगी (जैसे उनकी शादी की चर्चा) के साथ-साथ, अपने राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर बेबाक राय के कारण वायरल होते रहे। वह भारत के उन चंद शिक्षकों में से हैं, जिनकी हर गतिविधि को सोशल मीडिया पर लाखों व्यूज मिलते हैं, जिससे वह ऑनलाइन शिक्षा जगत के एक प्रमुख स्तंभ बने रहे।
(3) अवध ओझा: राजनीति से संन्यास की घोषणा और चर्चा
अवध ओझा, यूपीएससी (UPSC) की तैयारी कराने वाले शिक्षकों में एक प्रतिष्ठित नाम हैं। वह अपनी प्रेरणादायक बातों और छात्रों को मानसिक रूप से मजबूत बनाने के लिए जाने जाते हैं।
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पहचान: ओझा सर अपनी कोचिंग संस्थान 'ओझांक आईएएस' के माध्यम से हजारों सिविल सेवा उम्मीदवारों को मार्गदर्शन देते हैं। उनकी पढ़ाने की शैली में साहित्य, इतिहास और प्रेरणा का अनूठा मिश्रण होता है।
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2025 में चर्चा का कारण: राजनीतिक विराम: 2025 में उनके चर्चा में रहने का मुख्य कारण दिल्ली विधानसभा चुनाव रहा, जिसमें उन्होंने एक छोटी सी राजनीतिक पारी खेलने की कोशिश की। हालाँकि, चुनाव के तुरंत बाद उन्होंने राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। यह निर्णय उनके फॉलोअर्स और मीडिया के बीच बहस का विषय बन गया कि क्यों एक सफल शिक्षक ने राजनीति में कदम रखा और इतनी जल्दी पीछे हट गए।
(4) आरके श्रीवास्तव: '₹1 गुरु दक्षिणा' वाले टीचर के यहाँ पहुँचे 'खली' और 'राहुल रॉय'
बिहार के रोहतास जिले के आरके श्रीवास्तव को 'मैथमेटिक्स गुरु' के नाम से जाना जाता है। उनका योगदान ₹1 की गुरु दक्षिणा वाली शिक्षा प्रणाली को लेकर देश भर में सराहा गया है।
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अनोखा योगदान: वह गरीब और ज़रूरतमंद छात्रों को सिर्फ एक रुपया गुरु दक्षिणा लेकर आईआईटी (IIT) और एनआईटी (NIT) जैसी प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कराते हैं। उनके पढ़ाए हुए 100 से अधिक छात्र अब तक आईआईटीयन बन चुके हैं।
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2025 में चर्चा का कारण: सेलिब्रिटी उपस्थिति: 2025 दिसंबर में वह अपने शैक्षणिक योगदान से हटकर एक निजी घटना के कारण वायरल हुए। उनकी भतीजी की शादी में WWE चैंपियन द ग्रेट खली (The Great Khali) और बॉलीवुड अभिनेता राहुल रॉय (Rahul Roy) उनके गांव बिक्रमगंज पहुँचे थे।
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खली का देसी अंदाज़: खली का जमीन पर बैठकर बिहारी परंपरा के अनुसार हल्दी रस्म निभाना और आरके श्रीवास्तव की माँ के पैर छूकर आशीर्वाद लेना सोशल मीडिया पर संस्कृति और सादगी का प्रतीक बन गया।
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राहुल रॉय की 'आशिकी': राहुल रॉय ने गिटार बजाकर अपनी प्रसिद्ध फिल्म 'आशिकी' के गाने गाए, जिससे शादी समारोह ने एक फिल्मी टच ले लिया।
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यह घटना दिखाती है कि आरके श्रीवास्तव का प्रभाव केवल शिक्षा जगत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वह सामाजिक और व्यक्तिगत स्तर पर भी गहरा जुड़ाव रखते हैं।
(5) अलख पांडेय: प्रयागराज से उठे, बने देश के सबसे अमीर टीचर
प्रयागराज से निकले अलख पांडेय, ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में सबसे बड़ी सफलता की कहानी हैं, जिन्होंने देश के सबसे अमीर शिक्षकों में अपना नाम दर्ज कराया है।
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'फिजिक्सवाला' की शुरुआत: उन्होंने एक छोटे से कमरे से YouTube पर छात्रों को मुफ्त में भौतिकी (Physics) पढ़ाना शुरू किया था। उनकी स्पष्ट व्याख्या और छात्रों के प्रति समर्पण ने उन्हें जल्दी ही लोकप्रिय बना दिया।
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सफलता और वैल्यूएशन: उनकी कंपनी 'फिजिक्सवाला' (PhysicsWallah) आज एक एडटेक यूनिकॉर्न (EdTech Unicorn) बन चुकी है। 2025 में उनकी चर्चा का मुख्य कारण कंपनी का आईपीओ (IPO) आना और इसका वैल्यूएशन ₹30,000 करोड़ रुपये से भी अधिक हो जाना था।
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प्रेरणादायक कहानी: अलख पांडेय की यह सफलता गरीबी, संघर्ष और दृढ़ मेहनत की कहानी है। उन्होंने साबित किया कि गुणवत्तापूर्ण और सस्ती शिक्षा यदि जुनून के साथ दी जाए, तो वह व्यावसायिक रूप से भी अभूतपूर्व सफलता प्राप्त कर सकती है। उनकी यात्रा ने भारत के अन्य शिक्षकों और एडटेक उद्यमियों को प्रेरित किया है।
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