यूपी में पंकज चौधरी की विधिवत घोषणा आज, सत्ता और संगठन एक हाथ में न देने में केन्द्रीय नेतृत्व हुआ सफल, स्वतंत्र देव को लगा बड़ा झटका
लखनऊ/गोरखपुर: उत्तर प्रदेश भाजपा की राजनीति में केंद्रीय नेतृत्व ने बड़ा रणनीतिक बदलाव करते हुए केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री और महराजगंज से सांसद पंकज चौधरी को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा कर दी है। इस फैसले के दूरगामी राजनीतिक निहितार्थ हैं, खासकर 2027 के विधानसभा चुनाव और कुर्मी वोट बैंक को साधने के लिहाज से।पंकज चौधरी के प्रदेश अध्यक्ष बनने की विधिवत घोषणा रविवार को लखनऊ में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल करेंगे।
सत्ता-संगठन पहली बार एक जिले से
इस बदलाव का सबसे बड़ा संगठनात्मक पहलू यह है कि पहली बार उत्तर प्रदेश में सरकार (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) और संगठन (प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी) दोनों की कमान एक ही जिले यानी गोरखपुर से होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से विधायक हैं, और नए प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी भी गोरखपुर निवासी हैं। यह कदम क्षेत्रीय संतुलन की पुरानी परंपरा से हटकर लिया गया है। योगी और पंकज चौधरी गोरखपुर में बीजेपी की राजनीति के दो प्रमुख विपरीत ध्रुव माने जाते है।
कुर्मी समाज पर नजर: पूर्वांचल में जमीन वापसी की तैयारी
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, इस फैसले की पृष्ठभूमि 2024 के लोकसभा चुनाव में है, जहाँ पूर्वांचल और कुर्मी बहुल इलाकों में भाजपा को अपेक्षित सफलता नहीं मिली थी।
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कुर्मी वोटबैंक: प्रदेश में 80 लोकसभा सीटों में से 9 सांसद कुर्मी समाज से आते हैं (5 सपा, 3 भाजपा, 1 अपना दल)। 2024 में इस समाज का झुकाव सपा-कांग्रेस गठबंधन की ओर देखा गया था।
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रणनीति: आगामी पंचायत और विधानसभा चुनावों से पहले कुर्मी समाज को दोबारा भाजपा से जोड़ने के लिए कुर्मी चेहरे पंकज चौधरी को संगठन की कमान सौंपकर केंद्रीय नेतृत्व ने बड़ा सियासी दांव खेला है।
स्वतंत्र देव सिंह की दौड़ हुई खत्म
पंकज चौधरी के नाम पर मुहर लगने से जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को बड़ा झटका लगा है। वह अब तक भाजपा के सबसे बड़े कुर्मी चेहरे माने जाते थे और सीएम योगी के करीबी होने के नाते लखनऊ से लेकर दिल्ली और नागपुर तक जमकर लामबंदी की गई। उनका मानना था कि अगर कुर्मी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर सहमति बनी, तो सीएम योगी के सबसे भरोसेमंद स्वतंत्र देव सिंह को ही कमान सौंपी जाएगी।
पंकज चौधरी का चयन केंद्र में गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की सहमति से हुआ है। यह माना जा रहा है कि केंद्र ने कुर्मी चेहरा चुनकर जहाँ कुर्मी वोट बैंक को साधने की कोशिश की है, वहीं स्वतंत्र देव सिंह जैसे सीएम योगी के करीबी को अध्यक्ष न बनाकर, सत्ता और संगठन की शक्ति एक हाथ में केंद्रित होने से रोकने का भी प्रयास किया है। पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने से साफ है कि पार्टी नेतृत्व कुर्मी समाज में नई लीडरशिप तैयार करना चाहता है।
केंद्रीय नेतृत्व और संघ की सहमति
भाजपा सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय नेतृत्व ने लगभग 15 दिन पहले ही यह तय कर लिया था कि प्रदेश अध्यक्ष कुर्मी समाज से ही होगा। इसके बाद, पंकज चौधरी के नाम पर आरएसएस (RSS) की भी सहमति ली गई, जिससे यह नाम संगठन, संघ और सरकार—तीनों के लिए स्वीकार्य बन गया। आरएसएस और सीएम योगी के समर्थक नेता चाहते थे कि चुनावों में योगी को फ्री-हैंड देने के लिए उनकी ही पसंद के किसी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए।
बीएल संतोष ने दी औपचारिक जानकारी
राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने शुक्रवार को लखनऊ पहुँचकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और उन्हें पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की औपचारिक जानकारी दी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक समेत अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी इस दौड़ में शामिल नहीं होंगे, क्योंकि उन्हें चुनावी प्रक्रिया की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
गोरखपुर बना सियासी पावर सेंटर
पंकज चौधरी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद अब गोरखपुर उत्तर प्रदेश की राजनीति का सबसे ताकतवर केंद्र बनकर उभरा है। सीएम योगी आदित्यनाथ, नए प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी, भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला—सभी का राजनीतिक आधार गोरखपुर से जुड़ा है।
पंकज चौधरी का राजनीतिक आधार पूर्वांचल में मजबूत माना जाता है। 2024 के लोकसभा चुनाव में पूर्वांचल की कई सीटों पर भाजपा को झटका लगा था। अब पार्टी पंकज चौधरी के नेतृत्व में पूर्वांचल में खोई जमीन वापस पाने की रणनीति पर काम करती दिखेगी। उन्हें पीएम मोदी का विश्वासपात्र माना जाता है। दो साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पंकज चौधरी के घर जाना भी उनके इसी बढ़ते राजनीतिक कद का संकेत माना गया था, जिसकी उस समय काफी चर्चा हुई थी। भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनने का संकेत दिए थे। मोदी ने पंकज चौधरी को गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के लिए कहा। शाह ने पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनने पर सहमत किया। इसके बाद उन्हें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष से मिलने को कहा।
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