मुजफ्फरनगर में राष्ट्रीय लोक अदालत में हजारों मामलों का हुआ निस्तारण, करोड़ों रुपया वसूला गया राजस्व
मुजफ्फरनगर : जनपद न्यायालय मुजफ्फरनगर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का भव्य आयोजन किया गया। जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मुजफ्फरनगर बिरेन्द्र कुमार सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर लोक अदालत का विधिवत शुभारंभ किया।
निस्तारण का रिकॉर्ड और वसूली
लोक अदालत के नोडल अधिकारी, अपर जिला जज रवि कुमार दिवाकर ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत विवादों को सुलह-समझौते से निस्तारित कराने का एक बड़ा माध्यम है और यह समाज के वंचित तथा कमजोर वर्ग के व्यक्तियों के लिए वरदान साबित हो रही है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मुजफ्फरनगर के सचिव सीताराम द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 3,57,954 प्रकरण निस्तारित किए गए, जिसका विवरण निम्नलिखित है:
| विवरण | निस्तारित प्रकरणों की संख्या | वसूल/प्रदान की गई राशि (₹) |
| मोटर दुर्घटना दावा | 73 वाद | ₹6,35,13,000/- (प्रतिकर) |
| शमनीय फौजदारी | 6,306 वाद | ₹9,34,460/- (अर्थदंड) |
| दीवानी वाद | 47 वाद | ₹1,68,000/- (उत्तराधिकार अनुतोष) |
| राजस्व मामले (DM के नेतृत्व में) | 16,331 मामले | ₹99,44,233/- (राजस्व वसूली) |
| पारिवारिक न्यायालय | 67 मामले | - |
| बैंक ऋण मामले | 731 मामले | ₹5,43,77,000/- (सेटलमेंट) |
न्यायाधीशों के निर्देश
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ऋण मामले: जनपद न्यायाधीश ने बैंक अधिकारियों को ऋण के मामलों में ग्राहकों को अधिकतम छूट देते हुए प्रकरणों का निस्तारण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
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पारिवारिक मामले: प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय खलीकुज्जमा ने पारिवारिक मामलों को सुलह समझौते के आधार पर निस्तारित किए जाने पर बल दिया।
इस अवसर पर जिला बार संघ, सिविल बार संघ के पदाधिकारी, न्यायिक अधिकारीगण, बैंक अधिकारी और बड़ी संख्या में वादकारी उपस्थित रहे।
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