हरियाणा के इस शख्स ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र किया दाखिल, जानें कौन हैं जगत सिंह

Haryana News: हरियाणा के भिवानी जिले के चांग गांव के 71 वर्षीय रिटायर क्लर्क जगत सिंह ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। जगत सिंह का चुनाव लड़ने का एकमात्र मकसद कर्मचारियों की मांगों को प्रमुखता देना और SYL नहर के पानी को भारत में लाने के लिए आवाज उठाना है। […]
Haryana News: हरियाणा के भिवानी जिले के चांग गांव के 71 वर्षीय रिटायर क्लर्क जगत सिंह ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। जगत सिंह का चुनाव लड़ने का एकमात्र मकसद कर्मचारियों की मांगों को प्रमुखता देना और SYL नहर के पानी को भारत में लाने के लिए आवाज उठाना है। उन्होंने कहा कि उनका यह अभियान सिर्फ सरकारी कर्मचारियों और जल मुद्दों तक सीमित है।
चुनावी अनुभव और लगातार प्रयास
बिजली निगम में सेवा और रिटायरमेंट
जगत सिंह ने बिजली निगम में अपनी सेवा 36 साल 2 महीने तक निभाई। उन्होंने मीटर रीडर के पद से अपनी शुरुआत की थी और अंत में अपर डिवीजन क्लर्क के पद से 2012 में रिटायर हुए। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने कर्मचारियों के अधिकारों और जल संसाधनों के लिए चुनावी संघर्ष शुरू किया।
SYL नहर का मुद्दा और राजनीतिक उद्देश्य
जगत सिंह का मुख्य जोर SYL नहर के पानी पर है। उनका कहना है कि पाकिस्तान को जा रहे पानी के कारण भारत को मुआवजा देना पड़ता है। उनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पानी राजस्थान और हरियाणा में पहुंचे और कर्मचारियों के साथ आम जनता को इसका लाभ मिले।
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नामांकन की चुनौतियां
राष्ट्रपति चुनाव में नामांकन के लिए कम से कम 50 सांसद प्रस्तावक और 50 अनुमोदक होने चाहिए। जगत सिंह को किसी सांसद का समर्थन नहीं मिला था, इसलिए उनका नामांकन पिछली बार रद्द हो गया था। वहीं, उपराष्ट्रपति चुनाव में समर्थन की संख्या 20+20 यानी कुल 40 सांसदों का होना जरूरी है। इस बार भी उनके पास समर्थन नहीं है, इसलिए नामांकन रद्द होना तय माना जा रहा है।
राजनीतिक संदेश
भले ही उनका नामांकन रद्द हो जाए, लेकिन जगत सिंह ने यह संदेश दे दिया है कि सरकारी कर्मचारियों और जल संसाधनों के मुद्दों को भुलाया नहीं जा सकता। उनका प्रयास दर्शाता है कि छोटे और साधारण नागरिक भी लोकतंत्र में अपनी आवाज उठाने के लिए चुनावी राजनीति का माध्यम अपनाते हैं।
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