रोहतक में पसरा मातम, एक ही चिता पर जले चार दोस्तों के शव - एक्सप्रेसवे हादसे ने छीने चार जवान बेटे

रोहतक। जिले के गांव घिलौड़ में रविवार को दर्द और मातम का ऐसा मंजर पसरा, जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। गांव के चार जिगरी दोस्तों की एक साथ चिताएं जलीं, तो हर आँख नम हो उठी। सभी राजनीतिक दलों के नेताओं समेत सैकड़ों लोग उन्हें अंतिम विदाई देने पहुँचे, लेकिन कोई भी अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाया। इतने बड़े हादसे की सूचना के बाद से रविवार को भी गांव में चूल्हा नहीं जल पाया है।

हादसा गोहाना के समीप दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे पर शनिवार देर रात हुआ था। तेज रफ्तार कार अचानक बेकाबू होकर सड़क किनारे खड़े रोड रोलर से जा टकराई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार के परखच्चे उड़ गए।
चार जवान बेटों को खोया
घिलौड़ गांव की गलियों में रविवार को सन्नाटा पसरा रहा। लोग इसे साल का सबसे दर्दनाक हादसा बता रहे हैं। पूरे गांव ने एक साथ चार जवान बेटों को खो दिया। मृतकों की पहचान सोमवीर उर्फ मोनू, दीपांकर उर्फ बबलू, अंकित और लोकेश के रूप में हुई है। सभी की उम्र 25 से 26 वर्ष के बीच थी।
सोमवीर कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष डॉ. बलवान रंगा के बड़े बेटे थे। वह शादीशुदा थे और ढाई महीने पहले ही उनके घर बेटे का जन्म हुआ था। दीपांकर किसान परिवार से थे, अंकित पूर्व सैनिक का बेटा था, और लोकेश ग्रामीण ओमप्रकाश के बेटे थे।
हादसे के समय कार सोमवीर चला रहे थे, जिन्होंने कुछ महीने पहले ही नई कार खरीदी थी। कांग्रेस शहरी जिला अध्यक्ष कुलदीप केडी ने बताया कि चारों युवक शनिवार को बिजनेस मीटिंग के सिलसिले में निकले थे और वापसी में यह दर्दनाक हादसा हुआ।
परिवारों में मचा कोहराम
चारों घरों में कोहराम मचा हुआ है। सोमवीर की पत्नी बार-बार अपने ढाई महीने के बेटे को देखकर बिलख पड़ती है। दीपांकर के चाचा मास्टर सुरेश ने रोते हुए बताया कि "चारों शाम को घर से निकले थे, बोले थे थोड़ी देर में लौट आएंगे। लेकिन अब कभी नहीं लौटेंगे।"
हादसे के बाद एक युवक की मौत मौके पर ही हो गई थी, जबकि तीन ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। रविवार सुबह सिविल अस्पताल में चारों शवों का पोस्टमार्टम करवाया गया। इसके बाद दोपहर 12 बजे गांव में एक ही चिता में चारों दोस्तों के शवों का एक साथ दाह संस्कार किया गया।
कांग्रेस विधायक भारत भूषण बतरा ने इस हादसे को हृदयविदारक बताते हुए शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़े रहने की बात कही।
प्रशासन से जांच की मांग
गांव के लोगों ने प्रशासन से इस हादसे की निष्पक्ष जांच और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि एक्सप्रेस-वे पर लापरवाही से खड़े भारी वाहनों के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।