मध्यप्रदेश की राजनीति में बयानबाज़ी से बढ़ी सरगर्मी, दिग्विजय और कमलनाथ पर बीजेपी का तीखा वार

MP Politics: मध्यप्रदेश की राजनीति में कांग्रेस के अंदरूनी कलह पर बीजेपी ने एक बार फिर सवाल उठाए हैं। दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के बयानों के बाद सियासी पारा चढ़ गया है। कांग्रेस की कलह पर बीजेपी का हमला मध्यप्रदेश की सियासत में कांग्रेस के भीतर जारी मतभेद एक बार फिर सुर्खियों में हैं। 2020 […]
MP Politics: मध्यप्रदेश की राजनीति में कांग्रेस के अंदरूनी कलह पर बीजेपी ने एक बार फिर सवाल उठाए हैं। दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के बयानों के बाद सियासी पारा चढ़ गया है।
कांग्रेस की कलह पर बीजेपी का हमला
विश्वास सारंग का बड़ा बयान
प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी की स्थिति ‘बत से बत्तर’ हो चुकी है। उन्होंने कमलनाथ की सोशल मीडिया पोस्ट का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस में गुटबाजी और अविश्वास चरम पर है। सारंग ने कहा कि कमलनाथ सरकार के दौरान भी यही सवाल उठता था कि वास्तव में सरकार कौन चला रहा है, और अब खुद कमलनाथ के बयान से यह बात साबित हो रही है।
कांग्रेस पर ‘गुटबाजी’ का आरोप
बीजेपी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस की अंदरूनी कलह ही 2020 में सरकार गिरने का कारण बनी थी। दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के बीच पुराने मतभेद अब भी जारी हैं और इससे पार्टी की साख को लगातार नुकसान हो रहा है।
रामेश्वर शर्मा का तंज
हुजूर से विधायक और पूर्व प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “कमलनाथ और दिग्विजय सिंह कल भी लड़ रहे थे और आज भी लड़ रहे हैं। अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत।” शर्मा ने आरोप लगाया कि तत्कालीन मंत्री उमंग सिंघार ने भी माना था कि सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे थे और उद्योगपति कांग्रेस की कलह सुलझाते थे।
सिंधिया का नाम फिर आया चर्चा में
रामेश्वर शर्मा ने आगे कहा कि कांग्रेस जनता से किए वादे निभाने में असफल रही और इसी रवैए की वजह से ज्योतिरादित्य सिंधिया को विरोध करना पड़ा। अंततः उन्होंने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया। शर्मा के अनुसार, यही कांग्रेस की सबसे बड़ी कमजोरी है कि वह अपने ही नेताओं को संभाल नहीं पा रही।
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