मराठा आंदोलन पर बॉम्बे हाईकोर्ट सख्त: मंगलवार शाम 4 बजे तक सड़कें खाली करने का आदेश

Maharashtra News: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर गंभीर चिंता जताई है। अदालत ने कहा कि कार्यकर्ता मनोज जरांगे के नेतृत्व में चल रहे इस आंदोलन ने पूरे मुंबई शहर को ठप कर दिया है। अदालत ने साफ चेतावनी दी है कि जरांगे और उनके समर्थक मंगलवार शाम 4 बजे तक सभी सड़कें खाली कर दें, ताकि शहर की स्थिति सामान्य हो सके।
इस मामले पर जस्टिस रवींद्र घुगे और जस्टिस गौतम अंखड की खंडपीठ ने विशेष सुनवाई की। अदालत ने कहा कि प्रदर्शनकारी आज़ाद मैदान तक सीमित रहने की बजाय दक्षिण मुंबई के कई संवेदनशील इलाकों में फैल गए हैं। इसका सीधा असर ट्रैफिक व्यवस्था और आम लोगों की आवाजाही पर पड़ा है।
मुंबई के अहम स्थानों पर जाम
कोर्ट ने साफ कहा कि आंदोलनकारियों की मौजूदगी से सीएसएमटी, चर्चगेट रेलवे स्टेशन, मरीन ड्राइव और हाईकोर्ट क्षेत्र में हालात बिगड़े हैं। हजारों की संख्या में जमा भीड़ के कारण लोगों को दिक्कत झेलनी पड़ रही है। अदालत ने इसे ‘गंभीर स्थिति’ बताया और कहा कि इससे पूरा शहर लगभग ठहर गया है।
शांतिपूर्ण आंदोलन की शर्त टूटी
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यह आंदोलन अब किसी भी तरह से शांतिपूर्ण नहीं है। प्रदर्शनकारियों को केवल आज़ाद मैदान में प्रदर्शन की अनुमति दी गई थी, लेकिन उन्होंने नियमों का उल्लंघन करते हुए अन्य जगहों पर कब्जा जमा लिया। अदालत ने इसे सीधा कानून व्यवस्था से खिलवाड़ बताया।
जरांगे का अनिश्चितकालीन उपवास
दरअसल, मनोज जरांगे 29 अगस्त से आज़ाद मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं। सोमवार से उन्होंने पानी पीना भी बंद कर दिया है। उनके समर्थकों का कहना है कि वे किसी भी कीमत पर आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे।
आंदोलनकारियों की मांग
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग है कि मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत 10% आरक्षण दिया जाए। इस मुद्दे को लेकर जरांगे लगातार सरकार पर दबाव बना रहे हैं और समर्थक उनके साथ सड़कों पर डटे हैं।
अदालत का स्पष्ट संदेश
हाईकोर्ट ने साफ कहा कि जरांगे और उनके समर्थकों को हालात सुधारने होंगे और मंगलवार शाम 4 बजे तक सड़कें खाली करनी होंगी। अदालत ने यह भी कहा कि सामान्य स्थिति बहाल करना सबसे बड़ी प्राथमिकता है, ताकि मुंबईवासी राहत महसूस कर सकें।