भीलवाड़ा के करेड़ा में भतीजे को बचाने मां-बेटे तालाब में कूदे, तीनों की डूबने से मौत

भीलवाड़ा। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के करेड़ा थाना क्षेत्र के बागजणा गांव में एक दिल दहला देने वाला हादसा हो गया। यहां धर्म तालाब में पशुओं को पानी पिलाते समय एक 13 वर्षीय बच्चे के डूबने के प्रयास में उसकी चाची, मां लक्ष्मी देवी (40 वर्ष) और उनका 12 वर्षीय बेटा प्रवीण नाथ भी तालाब में कूद पड़े। दुर्भाग्य से तीनों ही गहरे पानी में डूब गए और उनकी मौत हो गई। इस घटना से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।
पशुओं को चराने वाले चरवाहों ने यह दर्दनाक घटना देख ली और तुरंत ग्रामीणों को सूचना दी। बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे और घंटों की मशक्कत के बाद तीनों शवों को तालाब से बाहर निकाला। शवों को करेड़ा चिकित्सालय ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप
ग्रामीणों ने अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों की लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया। उनका कहना है कि हादसे के तुरंत बाद जब शवों को चिकित्सालय ले जाया गया, तो डॉक्टर मौके पर मौजूद नहीं थे। फोन करने पर भी चिकित्सक काफी देर बाद पहुंचे। इस देरी से ग्रामीण बेहद आक्रोशित हो गए। करेड़ा उपप्रधान सुखालाल गुर्जर ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसी लापरवाही से स्थिति और बिगड़ सकती थी। ग्रामीणों ने मांग की है कि दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
मुआवजे की घोषणा
राज्य सरकार ने इस हादसे पर तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए मृतकों के परिजनों को राज्य आपदा राहत कोष से चार-चार लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। परिवार में शोक व्याप्त है, और गांव वाले एक-दूसरे का सहारा बन रहे हैं। यह घटना तालाबों की गहराई और सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर करती है, जिसके लिए स्थानीय प्रशासन से सुरक्षा बाड़ लगाने की मांग उठ रही है।