डोटासरा का सरकार पर हमला! बोले– जनता को चोर कहना शर्मनाक, चुनाव टालकर लोकतंत्र से खिलवाड़

Rajasthan News: राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने शनिवार को अपने सीकर आवास पर मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने शहरी विकास एवं आवासन (UDH) मंत्री झाबर सिंह खर्रा के उस बयान पर कड़ा पलटवार किया, जिसमें उन्होंने सीकर मास्टर प्लान का विरोध कर रही जनता को “चोर और डाकू” कह दिया था। […]
Rajasthan News: राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने शनिवार को अपने सीकर आवास पर मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने शहरी विकास एवं आवासन (UDH) मंत्री झाबर सिंह खर्रा के उस बयान पर कड़ा पलटवार किया, जिसमें उन्होंने सीकर मास्टर प्लान का विरोध कर रही जनता को “चोर और डाकू” कह दिया था।
जनता अपराधी नहीं, सरकार जिम्मेदार
भाषा पर संयम बरतें मंत्री – डोटासरा
डोटासरा ने आगे कहा कि किसी भी जनप्रतिनिधि को जनता के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि “मंत्री जी को धर्म का घड़ा रखना चाहिए और अपनी भाषा पर संयम बरतना चाहिए।”
चुनाव टालने पर उठाए सवाल
प्रेस वार्ता में डोटासरा ने सरकार पर निकाय और पंचायत चुनाव में देरी करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार की नीयत में खोट है और वह जानबूझकर चुनाव टाल रही है। डोटासरा ने कहा- “सरकार बजट में ‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ की बात करती है, लेकिन ऐसा कोई कानूनी प्रावधान ही नहीं है। सरकार के पास न तो कोई नीति है और न ही चुनाव कराने की इच्छाशक्ति।”
लोकतंत्र से खिलवाड़ का आरोप
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार प्रशासकों के जरिए समय काटना चाहती है, ताकि जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन हो सके। उन्होंने बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने भी सरकार से सवाल किया है कि पांच साल बीतने के बावजूद नगर निकाय और पंचायत चुनाव क्यों नहीं कराए गए। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस पर जांच हो और भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखा जाए।
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परिसीमन को बहाना बना रही सरकार
डोटासरा ने परिसीमन के मुद्दे पर भी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग ने वोटर लिस्ट तैयार करने का आदेश दिया था, लेकिन सरकार बार-बार यही कहकर बच रही है कि परिसीमन पूरा नहीं हुआ। डोटासरा ने इसे गलत ठहराते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही पंजाब सरकार के मामले में स्पष्ट कर चुका है कि परिसीमन के आधार पर चुनाव टालना असंवैधानिक है।
मास्टर प्लान को लेकर जनता की नाराजगी
सीकर के मास्टर प्लान पर उठे विवाद को लेकर डोटासरा ने कहा कि यह जनता की वास्तविक चिंताओं और समस्याओं का नतीजा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह जनता की मांगों को गंभीरता से सुने और मास्टर प्लान में आवश्यक संशोधन करे। डोटासरा ने कहा कि जनता का हक है कि वह अपनी बात रखे, और सरकार का कर्तव्य है कि वह समस्याओं का समाधान करे।
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