और कितनी दुर्दशा देखने तक संत समाज चुप रहेगा- महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी

गाज़ियाबाद। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने शुक्रवार को हरिद्वार में संत समाज से सनातन धर्म पर बढ़ते हमलों के विरुद्ध खुलकर सामने आने की अपील की। उन्होंने विशेष रूप से सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा भगवान विष्णु को लेकर की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी पर संत समाज की चुप्पी पर गहरा असंतोष व्यक्त किया।
महामंडलेश्वर ने कहा, "हम संत भगवान विष्णु और शिव के नाम पर जीते हैं। अगर आज हम ही चुप रहे तो यह धर्म के साथ विश्वासघात होगा, जिसे कोई भगवान क्षमा नहीं कर सकते।"
धर्म संसद को वैधानिक रूप देने की मांग
यति नरसिंहानंद गिरी ने मां गंगा के तट पर एक बार फिर धर्म संसद को पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया और इसके लिए सभी अखाड़ों व संतों से सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि जब तक हिंदू समाज राजनीतिक रूप से अनाथ रहेगा, तब तक संतों को ही नेतृत्व करना होगा।
उनके साथ इस दौरान विश्व धर्म संसद की संयोजक डॉ. उदिता त्यागी, यति सत्यदेवानंद जी और यति अभयानंद जी भी मौजूद रहे।
संतों से हुई अहम बैठकें
महामंडलेश्वर ने गंगा भजन आश्रम में महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी जी महाराज और महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद जी महाराज से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने धर्म संसद को वैधानिक स्वरूप देने और सनातन धर्म की रक्षा के लिए रणनीति पर चर्चा की। दोनों ही संतों ने उन्हें हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
भारत अब धर्मनिरपेक्ष नहीं, सनातन विरोधी राष्ट्र बन चुका है ❜
महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने कहा, "यह स्पष्ट है कि भारत अब केवल धर्मनिरपेक्ष नहीं, बल्कि सनातन धर्म विरोधी देश बनता जा रहा है। राजनैतिक दलों की चुप्पी यह दिखाती है कि हिन्दू अब पूरी तरह राजनीतिक रूप से अनाथ है।"