लखनऊ। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच ने रामपुर के चर्चित क्वालिटी बार मामले में आजम खान की जमानत मंजूर कर दी है। इस फैसले के बाद जेल से बाहर आने का रास्ता साफ नजर आ रहा था क्योंकि अब लगभग सभी मुकदमों में उनकी जमानत मंजूर हो चुकी है और कोई लंबित आवेदन शेष नहीं है।
लेकिन, इसी के साथ आजम खान के जेल से बाहर आने की राह में नया संकट भी आ गया है। 18 सितंबर को रामपुर की स्पेशल एमपी-एमएलए फास्ट ट्रैक कोर्ट में क्वालिटी बार मामले में उनके खिलाफ तीन नई सुनियोजित आईपीसी धाराएं—धारा 467 जालसाजी, 471 जाली दस्तावेजों का प्रयोग और 201 साक्ष्य नष्ट करना—बढ़ा दी गई हैं।
इन नई धाराओं के बाद आजम खान की जेल से रिहाई रुक सकती है क्योंकि उन्हें इन आरोपों में भी जमानत लेनी होगी। फिलहाल, जब तक उनकी जमानत का परवाना सीतापुर जेल में नहीं पहुंचता, तब तक रामपुर पुलिस कोर्ट में आपत्ति दर्ज कराएगी।
यह मामला 2019 में शुरू हुआ था, जब रामपुर के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में हाईवे के पास क्वालिटी बार की विवादित जमीन पर अवैध कब्जे का आरोप लगा था। राजस्व निरीक्षक अनंगराज सिंह द्वारा शिकायत कराई गई थी। चाहे कोर्ट की राहत मिली हो या पुलिस के नए आरोप लगे हों, मोहम्मद आजम खान की सियासी और कानूनी जंग अभी जारी है।
आगे आने वाले दिनों में इस मामले में और भी अहम फैसले देखने को मिलेंगे।