तिआनजिन में पीएम मोदी और पुतिन की मुलाकात, यूक्रेन युद्ध पर जल्द शांति की अपील

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी बहुप्रतीक्षित जापान और चीन यात्रा पूरी कर ली है और अब वह दिल्ली लौट रहे हैं। इस यात्रा के दौरान उन्होंने भारत की विदेश नीति को एक नई गति दी और वैश्विक मंच पर देश के रुख को मजबूती से रखा। चीन के तिआनजिन शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कई अहम मुद्दों पर अपने विचार साझा किए।
उन्होंने आतंकवाद, क्षेत्रीय सुरक्षा, स्थिरता, कनेक्टिविटी और आर्थिक अवसर जैसे विषयों पर भारत का दृष्टिकोण दुनिया के सामने रखा। सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से द्विपक्षीय मुलाक़ात की, जो वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस बैठक में दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध पर चर्चा की और शांति स्थापित करने के प्रयासों पर जोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में स्पष्ट कहा कि भारत लगातार यूक्रेन में जारी संघर्ष पर चर्चा कर रहा है और हाल ही में शांति के लिए किए गए सभी प्रयासों का स्वागत करता है।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी पक्ष रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाकर जल्द से जल्द इस युद्ध को समाप्त करने और स्थायी शांति स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे, क्योंकि यह पूरी मानवता की पुकार है। उनका यह वक्तव्य भारत की उस विदेश नीति को दर्शाता है जिसमें संवाद और कूटनीति को संघर्ष और युद्ध से ऊपर रखा गया है। जापान में अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने तकनीकी सहयोग, निवेश, आर्थिक साझेदारी और रक्षा सहयोग जैसे मुद्दों पर बातचीत की, जिससे भारत के रणनीतिक संबंध और मज़बूत होंगे।
वहीं, चीन में एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान भारत की भूमिका एक सक्रिय, जिम्मेदार और शांतिपूर्ण वैश्विक शक्ति के रूप में सामने आई। तिआनजिन एयरपोर्ट से प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के लिए उड़ान भरी, जिसके साथ उनकी यह बहुपक्षीय यात्रा संपन्न हुई। कुल मिलाकर, प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत के वैश्विक संबंधों को नई दिशा देने, शांति प्रयासों को मज़बूती प्रदान करने और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की स्थिति को और सुदृढ़ करने के लिहाज़ से ऐतिहासिक मानी जा रही है।