विद्युत विभाग की दबंगई पर एनजीटी दिल्ली का डंडा: शामली में हजारों पेड़ों को काटने पर तत्काल रोक!
शामली। जनपद में विकास के नाम पर पर्यावरण का गला घोंटने की तैयारी कर रहे विद्युत विभाग (पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड) को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने करारा झटका दिया है। ट्रिब्यूनल ने सख्त आदेश जारी करते हुए कहा है कि प्रोजेक्ट के नाम पर एक भी पेड़ अवैध तरीके से नहीं काटा जाएगा।
मुख्यमंत्री कार्यालय का नाम लेकर झाड़ा था पल्ला: जब इस अवैध कार्य की शिकायत की गई, तो विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता ने लिखित जवाब में यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि यह "मुख्यमंत्री का विशेष प्रोजेक्ट" है और इसकी मॉनिटरिंग सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय लखनऊ से हो रही है। कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए साफ किया कि कोई भी प्रोजेक्ट हो, पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और डॉ. ए. सेंथिल वेल की बेंच के माध्यम से स्पष्ट आदेश दिया है कि अगली सुनवाई तक परियोजना के नाम पर कोई भी अवैध पेड़ नहीं काटा जाएगा। इस मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने उत्तर प्रदेश सरकार, मुख्य सचिव, वन विभाग, एवं विद्युत विभाग के अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। साथ ही, कोर्ट ने स्थानीय ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन और मीडिया रिपोर्टों का संज्ञान लेते हुए यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि विकास कार्य की आड़ में पर्यावरण नियमों का उल्लंघन न हो ।
मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी 2026 को होगी। तब तक बिजली विभाग को अपने हाथ रोकने होंगे। इस आदेश के बाद क्षेत्र के पर्यावरण प्रेमियों में खुशी की लहर है, वहीं विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
