मुजफ्फरनगर में ऐतिहासिक फैसला, मासूम से दुष्कर्म में उम्रकैद, महिला समेत दो को सजा
मुजफ्फरनगर। जनपद की एक विशेष अदालत ने मासूम बच्चियों के विरुद्ध अपराध करने वाले दरिंदों को कड़ा संदेश देते हुए एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। पॉक्सो कोर्ट संख्या-2 की न्यायाधीश दिव्या भार्गव ने 13 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म करने और उसका वीडियो बनाने के मामले में मुख्य आरोपी हसन चौधरी और उसकी सहयोगी महिला शकीला को दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास (अंतिम सांस तक जेल) की सजा सुनाई है। अदालत ने दोनों दोषियों पर 25-25 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है।
अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक (शासकीय अधिवक्ता) विनय कुमार अरोरा ने पीड़िता के पक्ष में प्रभावी पैरवी की। उन्होंने अदालत के समक्ष पीड़िता के बयान, चिकित्सीय साक्ष्य और वैज्ञानिक प्रमाणों के साथ-साथ आरोपियों द्वारा बनाए गए वीडियो को भी साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया। शासकीय अधिवक्ता की दलीलों और साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद, न्यायाधीश दिव्या भार्गव ने हसन चौधरी और शकीला को समाज के लिए खतरा मानते हुए उन्हें कड़ी सजा सुनाई। अदालत के इस फैसले का स्वागत करते हुए कानूनविदों ने इसे मासूमों की सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है।
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