ओलंपिक पदक विजेता अमन सहरावत ने मानी गलती, डब्ल्यूएफआई से निलंबन हटाने की लगाई गुहार

Aman Sehrawat: भारतीय कुश्ती जगत के युवा सितारे और पेरिस ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता अमन सहरावत ने आखिरकार अपनी गलती मान ली है। उन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) से अनुरोध किया है कि उन पर लगाए गए एक साल के निलंबन पर पुनर्विचार किया जाए। जगरेब में हुई विश्व चैंपियनशिप के दौरान तय वजन सीमा से 1.7 किलोग्राम अधिक वज़न होने पर उन्हें निलंबित किया गया था, जिसने उनके करियर पर बड़ा असर डाला है।
आभार समारोह में सहरावत ने तोड़ी चुप्पी

डब्ल्यूएफआई ने पाया जवाब असंतोषजनक
23 सितंबर को डब्ल्यूएफआई ने सहरावत को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था कि क्यों उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई न की जाए। लेकिन जब सहरावत ने 29 सितंबर को अपना जवाब सौंपा, तो समिति ने इसे असंतोषजनक माना और एक साल का प्रतिबंध जारी रखा। इसके बाद से ही अमन सहरावत इस फैसले को लेकर चिंतित हैं और अब उन्होंने व्यक्तिगत रूप से महासंघ से मुलाकात की ठानी है।
पेट दर्द बना असफलता का कारण
सहरावत ने बताया कि उन्होंने स्पर्धा से एक सप्ताह पहले ही वजन कम करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। “मेरे पास सिर्फ 600-700 ग्राम वजन कम करना बाकी था,” उन्होंने कहा। “जिम में आखिरी सेशन के दौरान अचानक मेरे पेट में तेज दर्द शुरू हुआ और मुझे रुकना पड़ा। सुबह चार बजे फिर से शुरू करने का सोचा, पर रात में दर्द और बढ़ गया। दवाइयां लेने के बाद भी राहत नहीं मिली, जिससे वजन कम करना संभव नहीं रहा।”
करियर पर मंडरा रहा खतरा
सहरावत ने साफ कहा कि यह निलंबन उनके खेल करियर को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने कहा, “आने वाली मुख्य प्रतियोगिताएं एशियाई खेल और विश्व चैंपियनशिप 2026 में हैं। अगर मैं इनसे बाहर रहता हूं, तो यह मेरे लिए बहुत बड़ा नुकसान होगा। एशियाई खेल चार साल में एक बार आते हैं और यह मेरा मुख्य लक्ष्य है।” उन्होंने उम्मीद जताई कि महासंघ उनके प्रयासों और सच्चाई को देखते हुए अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगा।
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