संभावना बनाम अनुभव : 20वें पायदान की टीम, जिसे टी20 के 'बादशाह' ने हल्के में ले लिया

नई दिल्ली। भारत ने भले ही ओमान के खिलाफ एशिया कप 2025 में जीत दर्ज की, लेकिन इस मुकाबले ने टीम इंडिया की रणनीति में खामियों को उजागर किया है। भारत ने यह मुकाबला एक ऐसी टीम के खिलाफ खेला, जिसे शायद उसने कमजोर समझ लिया, लेकिन यह टीम अपार संभावनाओं से भरी है। एशिया कप में अपने तीसरे लीग मैच में टी20 रैंकिंग में शीर्ष पर मौजूद भारतीय टीम 20वें पायदान पर खड़ी ओमान के खिलाफ उतरी थी।
इस मुकाबले को टीम इंडिया के लिए प्रयोग के तौर पर माना जा रहा था। टूर्नामेंट में पहली बार टीम इंडिया को 20 ओवर बल्लेबाजी का मौका मिला। पिच धीमी थी, जिसका आकार दुबई की तुलना में ज्यादा था। टीम इंडिया ने इसे प्रैक्टिस मैच की तरह लिया, लेकिन इस दौरान काफी खामियां नजर आईं। यहां भारतीय बल्लेबाजों को काफी मशक्कत करनी पड़ गई। सूर्यकुमार यादव इस मुकाबले में बल्लेबाजी के लिए नहीं उतरे। उनसे ऊपर अर्शदीप सिंह और कुलदीप यादव को भेजा गया, जिसने सभी को हैरान किया।
फैंस जानना चाहते हैं कि अगर यह सिर्फ भारत की बल्लेबाजी को परखने के लिए था, तो कप्तान गेंदबाजों से बल्लेबाजी में क्या उम्मीद लगाकर बैठे थे? एक ओर भारत ने बल्लेबाजी में जमकर प्रयोग किया, लेकिन शुभमन गिल और अभिषेक शर्मा की जोड़ी से छेड़छाड़ नहीं की गई। अगर यह मैच सिर्फ प्रयोग के तौर पर था, तो ऐसे में संजू सैमसन को सलामी बल्लेबाज के तौर पर उतारा जा सकता था।
सैमसन को टूर्नामेंट के शुरुआती दो मुकाबलों में बल्लेबाजी का मौका नहीं मिल सका था, लेकिन यूएई के खिलाफ तीसरे नंबर पर उतरकर उन्होंने 56 रन की पारी खेली और एक बार फिर अपनी उपयोगिता साबित की। दो मुख्य तेज गेंदबाजों के होते हुए हार्दिक को नई गेंद सौंपी गई। हार्दिक पांड्या और अर्शदीप सिंह ने 4-4 ओवर, जबकि हर्षित राणा और कुलदीप यादव ने 3-3 ओवर फेंके, लेकिन यह चारों गेंदबाज सिर्फ एक-एक विकेट ही अपने नाम कर सके।
आलम ये रहा कि सूर्यकुमार यादव को आठ गेंदबाजी विकल्पों का इस्तेमाल करना पड़ गया। ओमान बीते कुछ वर्षों से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए ओमान ने बड़े पैमाने पर दूसरे देशों के खिलाड़ियों को अपने साथ जोड़ा है। इनमें पाकिस्तान और भारत के कई खिलाड़ी शामिल हैं। ये खिलाड़ी भी अपने करियर को निखारने के लिए इस टीम के साथ जुड़े हैं। आईसीसी की एसोसिएट सदस्य टीमों में शुमार यह टीम वनडे और टी20 फॉर्मेट में अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुकी है।
इस टीम के पास ऐसे काबिल खिलाड़ी हैं, जो टी20 क्रिकेट जैसे छोटे फॉर्मेट में अपने प्रदर्शन से सभी को हैरत में डाल सकते हैं। एसोसिएट देशों को आईसीसी की तरफ से ट्रेनिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर में मदद मिलती है, जिससे इन देशों की टीम का स्तर और बेहतर होता नजर आ रहा है। ओमान जैसे देश के पास टेस्ट खेलने का अनुभव नहीं है। उसके खिलाड़ियों के पास बड़े स्तर पर मुकाबले खेलने का अनुभव नहीं है।
इस देश का घरेलू स्तर पर क्रिकेट उतना विकसित नहीं है, क्योंकि अधिकतर खिलाड़ी प्रवासी हैं। भले ही संसाधनों की कमी, कोचिंग और पेशेवर ढांचे की कमी टीम के विकास में बाधा बन रही हो, लेकिन इसके बावजूद ओमान जैसा देश टीम इंडिया को एशिया कप में शानदार चुनौती देता नजर आ रहा है। यह एक ऐसा मैच साबित हुआ जहां 'अपार संभावनाओं' के खिलाफ 'अनुभव' को जीत मिली। हालांकि, जीत का अंतर दोनों टीमों के बीच के 'फर्क' से बहुत कम रहा।