ट्रंप ने PM मोदी की फिर की तारीफ, कहा- 'मैं भारत का बेहद करीबी दोस्त', विपक्ष ने टैरिफ में राहत की मांग उठाई

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब ट्रंप से भारत के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने गर्मजोशी दिखाते हुए कहा:
“मैं भारत के बहुत करीब हूं, मैं भारत के प्रधानमंत्री के बहुत करीब हूं। मैंने उनसे कल ही बात की... मैंने उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं।”
ट्रंप का यह बयान पीएम मोदी को उनके जन्मदिन (17 सितंबर) पर फोन करके बधाई देने और सोशल मीडिया पर उनकी तारीफ करने के ठीक बाद आया है। ट्रंप ने अपनी पोस्ट में पीएम मोदी को 'दोस्त' कहा था और रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के उनके प्रयासों का भी समर्थन किया था।
ट्रंप ने टैरिफ का किया बचाव
हालांकि, पीएम मोदी और भारत की तारीफ करने के बावजूद, ट्रंप ने भारत पर लगाए गए टैरिफ (शुल्कों) का उल्लेख किया और उनका बचाव भी किया। रूस से तेल खरीदने के कारण भारत पर लगाए गए 25% अतिरिक्त टैरिफ (जिससे कुल शुल्क 50% हो गया है) को लेकर ट्रंप ने यूरोपीय देशों पर दबाव बनाने के लिए भारत का उदाहरण दिया।
ट्रंप ने कहा कि, "हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं... लेकिन (रूस से तेल खरीदने के कारण) मैंने उन्हें (भारत पर टैरिफ) मंजूरी दी।" उन्होंने तर्क दिया कि यह कदम रूस को आर्थिक रूप से कमजोर करने और यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए जरूरी था।
विपक्ष की मांग: 'टैरिफ में दो राहत'
ट्रंप के लगातार तारीफ भरे बयानों के बावजूद भारत पर ऊंचे टैरिफ लगे रहने के कारण, भारत में विपक्षी नेताओं और कूटनीतिक विशेषज्ञों ने प्रतिक्रिया दी है।
विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि केवल व्यक्तिगत संबंधों की तारीफ से देश को फायदा नहीं होगा, बल्कि अमेरिका को व्यापार शुल्कों में राहत देनी चाहिए। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया है कि एक तरफ ट्रंप पीएम मोदी की तारीफ कर रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ अपने व्यापारिक हितों को साधने के लिए टैरिफ की तलवार लटकाए हुए हैं, जिससे भारतीय व्यापार को नुकसान हो रहा है।
कूटनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप का यह रवैया उनकी कूटनीति का हिस्सा है, जहां वह एक ही समय में दोस्ती और दबाव दोनों की रणनीति अपना रहे हैं। वे इस तारीफ का इस्तेमाल व्यापार वार्ताओं में भारत पर दबाव बनाने के लिए कर सकते हैं।
यह मामला भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ताओं में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है, और सबकी निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि क्या दोनों देश जल्द ही कोई व्यापक व्यापार समझौता कर पाएंगे।
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