अरुणाचल की घाटी में दौड़ा जज्बा और देशभक्ति: भारतीय सेना ने आयोजित की वालोंग डे हॉफ मैराथन
Half Marathon 2025: भारतीय सेना ने 63वें वालोंग डे के अवसर पर अरुणाचल प्रदेश की सुरम्य और ऐतिहासिक घाटी में ‘वालोंग हॉफ मैराथन 2025’ का आयोजन किया। यह आयोजन 1962 के भारत–चीन युद्ध में लड़े गए वालोंग युद्ध की वीरता, बलिदान और अदम्य साहस को स्मरण करने के उद्देश्य से किया गया। यह मैराथन न केवल खेल का कार्यक्रम था, बल्कि उन वीर सपूतों को श्रद्धांजलि थी जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में लड़कर भारतीय गौरव को ऊंचा रखा।
700 से अधिक प्रतिभागियों की उत्साहभरी भागीदारी
हर धावक ने देश के वीरों के सम्मान में कदम बढ़ाए और वालोंग की पवित्र धरती पर देशभक्ति का जोश साफ झलकता दिखा। कड़ी पहाड़ी राहों और ऊंचाईयों के बीच धावकों की प्रतिबद्धता ने कार्यक्रम को और भी प्रेरणादायक बनाया।
मैराथन ने दिया एकता, स्मरण और देशभक्ति का संदेश
यह आयोजन केवल एक खेल प्रतियोगिता नहीं था, बल्कि राष्ट्रीय भावना, स्मरण और एकता का प्रतीक बन गया। हॉफ मैराथन ने प्रतिभागियों को उस ऐतिहासिक स्थल से जोड़ा जहां भारतीय सैनिकों ने अद्वितीय साहस का परिचय दिया था।
कार्यक्रम के दौरान विजेताओं को सम्मानित करने के लिए पदक और दो लाख रुपये तक की पुरस्कार राशि रखी गई थी। यह मैराथन ‘स्पिरिट ऑफ वालोंग’ को फिर से जीवंत करती दिखाई दी, जहां हर धड़कन, हर कदम और हर आवाज़ भारतीय सैनिकों के शौर्य की गूंज बन गई।
सेना और अरुणाचल की जनता के बीच मजबूत संबंध का प्रतीक
‘वालोंग हॉफ मैराथन 2025’ भारतीय सेना और अरुणाचल प्रदेश की जनता के बीच अटूट संबंध को दर्शाती है। यह आयोजन इस बात का प्रतीक है कि देश की रक्षा में लगे सैनिकों और सीमावर्ती जनता के बीच परस्पर सम्मान और गर्व की भावना कितनी गहरी है।
मैराथन ने न सिर्फ एक ऐतिहासिक युद्ध की यादों को जीवंत किया, बल्कि युवाओं में प्रेरणा और जिम्मेदारी की नई लहर पैदा की।
