UP में FDI को रफ्तार देने की कवायद: सीएम योगी ने 'इन्वेस्ट यूपी' की समीक्षा की, निवेश प्रस्तावों को जल्द जमीन पर उतारने का निर्देश
लखनऊ- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को प्रदेश में विदेशी निवेश को नई रफ्तार देने के लिए चल रहे प्रयासों की उच्चस्तरीय समीक्षा करते हुए साफ कहा कि उत्तर प्रदेश अब सिर्फ निवेश की संभावना नहीं, बल्कि निवेश के भरोसे का राज्य बन गया है।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि हर निवेशक के साथ संवाद लगातार बना रहना चाहिए और किसी भी स्तर पर देरी की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के सितंबर 2025 तक की अवधि में उत्तर प्रदेश को 683 मिलियन अमेरिकी डॉलर का विदेशी निवेश प्राप्त हुआ है और राज्य का कुल संचयी विदेशी निवेश अक्टूबर 2019 से अब 2,754 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच चुका है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि चालू अवधि में प्रदेश को 5,963 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश प्रवाह मिला है, जो पिछले वर्षों की तुलना में तेज वृद्धि को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि एफडीआई-एफसीआई-फॉर्च्यून 500 नीति-2023 के तहत अब तक 11 निवेश आवेदकों ने 13,610 करोड़ रुपये के प्रस्ताव दिए हैं। इसके अलावा 22 आवेदनों के माध्यम से 17,810 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं और 56 हजार करोड़ रुपये के निवेश से जुड़े 29 आवेदन पाइपलाइन में हैं।
उन्होने ललितपुर फार्मा पार्क को लेकर भी स्पष्ट निर्देश दिए कि इससे जुड़े अवसंरचना कार्यों में और तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि कई बड़ी दवा कंपनियों ने यहां निवेश में रुचि दिखाई है, ऐसे में उनसे लगातार संवाद बनाए रखा जाए और भूमि, बिजली, पानी जैसी सुविधाएं समय पर सुनिश्चित हों।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सभी विदेशी डेस्क द्वारा नियमित अंतराल पर राउंड टेबल बैठकें होती रहनी चाहिए। उन्होंने इन्वेस्ट यूपी की टीम से कहा कि हर निवेशक के साथ एकल संपर्क बिंदु तय हो, ताकि उसे प्रणाली में भटकना न पड़े।
योगी ने उद्योगों को गति देने के लिए ‘प्लग एंड प्ले’ मॉडल पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि निवेशक को पहले दिन से तैयार अवसंरचना मिलेगी, तो वह तेजी से काम शुरू कर सकेगा और यही मॉडल उत्तर प्रदेश को अन्य राज्यों से आगे ले जाएगा।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां कंपनियों के कॉरपोरेट और मुख्यालय खोलने के लिए उन्हें प्रेरित किया जाए। मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण को लेकर यह भी निर्देश दिए कि वहां आवश्यक मानव संसाधन की कमी न रहे।
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