युवक की हत्या के मामले में 30 साल बाद दर्ज हो पाई एफआईआर, न्याय की चाह में पिता की हो गई मौत
हाईकोर्ट के हस्तक्षेप पर कोटरा पुलिस ने की कार्रवाई, जांच की शुरू
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जालौन। उत्तर प्रदेश के जालौन में 30 साल पहले हुई एक युवक की हत्या के मामले में आखिरकार एफआईआर दर्ज हो ही गई। बुधवार को कोटरा थाने में कोर्ट के आदेश पर सात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई। हैरानी की बात यह है कि न्याय की आस में थाने और अदालत के चक्कर काटते-काटते पीड़ित पिता की 2021 में मौत हो चुकी है। वहीं इस बीच दो आरोपी भी दुनिया छोड़ चुके हैं।
1995 में हुआ था हत्या का सनसनीखेज मामला
तहरीर में बताया गया कि जमीन हड़पने के इरादे से रिश्तेदारों कुलदीप नारायण, प्रेम नारायण सौनकिया, श्याम नारायण, श्रीराम, राकेश, देवेश, अनिल कुमार और अनूप कुमार ने साजिश रचकर प्रदीप की हत्या की थी।
पुलिस ने नहीं लिखी रिपोर्ट, कोर्ट के आदेश भी टाले
तत्कालीन एसपी आरपी सिंह ने थानाध्यक्ष को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। परेशान होकर पिता ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। 14 अक्टूबर 1998 को निचली अदालत ने एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए, मगर पुलिस ने आदेश भी ठंडे बस्ते में डाल दिए। इस दौरान कोर्ट से भेजी गई पत्रावली भी रहस्यमय तरीके से गायब हो गई।
हाईकोर्ट पहुंचा मामला, 2021 में पिता की मौत
करीब तीन दशक की जद्दोजहद के बीच 2021 में वादी उमाशंकर की मौत हो गई। इसके बाद छोटे बेटे देवेंद्र बाजपेई ने मामले की पैरवी संभाली और हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने 18 जून 2025 को पत्रावली गायब होने पर जांच के आदेश दिए और केस में दखल दिया। उमाशंकर के बड़े बेटे देवेंद्र कुमार बाजपेई ने बताया कि उनके छोटे भाई प्रदीप कुमार बाजपेई की 30 साल पहले हत्या कर दी गई थी। प्रतिमा विसर्जन के बहाने रिश्तेदार उसे बेतवा नदी ले गए और डुबोकर मार डाला। देवेंद्र का आरोप है कि उनकी ही मौसी के लड़कों ने जमीन हड़पने के लिए साजिश रची। वारदात कई लोगों ने देखी, लेकिन पुलिस ने FIR दर्ज नहीं की।
कोर्ट के ताज़ा आदेश पर दर्ज हुई एफआईआर
10 सितंबर 2025 को न्यायिक मजिस्ट्रेट शिंजिनी यादव की अदालत ने सात आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया। आदेश मिलते ही बुधवार को थाना कोटरा पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर लिया।
दो आरोपियों की मौत
जानकारी के अनुसार, आरोपी देवेश की 1996 और प्रकाश की 2007 में बीमारी से मौत हो चुकी है। बाकी आरोपियों पर अब जांच के बाद कार्रवाई होगी।
पुलिस का बयान
अपर पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार वर्मा ने बताया,
“कोर्ट के आदेश पर सातों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। जांच की जा रही है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।”
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