कुलदीप सेंगर की बेटी ने सोशल मीडिया पर शेयर की पीड़ा, कहा – थक गई हूं, डरी हुई हूं, 'मेरा रेप किया जाना चाहिए...'
उन्नाव। उन्नाव रेप मामले में सजायाफ्ता पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट के राहत देने वाले फैसले पर रोक लगा दी और कहा कि आरोप गंभीर हैं। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस अपराधी को किसी भी मामले में जमानत नहीं मिलनी चाहिए।
इशिता ने लिखा कि उनकी पहचान केवल भाजपा विधायक की बेटी तक सीमित कर दी गई, जिससे उनकी इंसानियत और बोलने के अधिकार पर चोट पहुंची। उन्होंने बताया कि इन वर्षों में सोशल मीडिया पर उन्हें कई बार जान से मारने की धमकियां और अमानवीय बातें सुननी पड़ीं। इसके बावजूद उन्होंने चुप्पी साधकर कानून और संविधान पर भरोसा बनाए रखा।
उन्होंने कहा कि उनका सच किसी के काम का नहीं था। लोग उन्हें ताकतवर कहते हैं, लेकिन आठ साल तक बेजुबान रखना किसी तरह की ताकत नहीं, बल्कि समाज और सिस्टम की बेबसी का प्रमाण है। इशिता ने लोगों से अपील की कि न्याय को बिना किसी दबाव और डर के पूरा किया जाए।
उन्नाव मामले में कुलदीप सेंगर और उनके साथियों ने 2017 में नाबालिग को अगवा कर दुष्कर्म किया था। सीबीआई जांच के बाद दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 20 दिसंबर 2019 को उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई और 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इसके साथ ही उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई और उन्हें भाजपा से निष्कासित किया गया।
इशिता सेंगर ने अपनी पोस्ट में अंत में लिखा कि वह अब भी न्याय का इंतजार कर रही हैं और देश पर विश्वास बनाए हुए हैं। उन्होंने कानून और संस्थाओं से अपील की कि उनके अधिकार और इंसानियत की रक्षा सुनिश्चित की जाए।
