बिजनौर में बाहरी जमातों पर रोक से मौलाना परेशान, समाधान के लिए एसपी से मिला उलेमाओं का प्रतिनिधिमंडल
बिजनौर (रॉयल बुलेटिन)। जनपद में बाहर से धार्मिक प्रचार के लिए आने वाली जमातों पर पुलिस प्रशासन द्वारा लगाई गई कथित रोक का मामला अब अधिकारियों के पास पहुंच गया है। मंगलवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद और जमात के पदाधिकारियों सहित मुस्लिम समाज के प्रमुख उलेमाओं ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की और समाधान की मांग की।
सीसीटीवी और रजिस्टर मेंटेन करने के निर्देश प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे मुफ्ती ओवैस अकरम ने बताया कि एसपी ग्रामीण ने उनकी बातों को गंभीरता से सुना। सुरक्षा और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए पुलिस की ओर से कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए हैं। इनमें जमात के ठहरने वाले स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाना, बाहर से आने वाले लोगों का पूरा रिकॉर्ड रजिस्टर में दर्ज करना और स्थानीय स्तर पर सूचना देना शामिल है। पुलिस का मानना है कि इन उपायों से सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता होगी और किसी भी प्रकार की भ्रामक स्थिति पैदा नहीं होगी।
संयुक्त बैठक में होगा अंतिम निर्णय एसपी ग्रामीण ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है कि वे शीघ्र ही जिला प्रशासन और पुलिस के अन्य उच्चाधिकारियों के साथ एक संयुक्त बैठक करेंगे। इस बैठक में सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद जमातों के आवागमन को लेकर अंतिम नीति और निर्णय लिया जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल में नगीना शहर के इमाम मुफ्ती ओवेश अकरम, मुफ्ती शमसुद्दीन, मुफ्ती गुल सिताब एडवोकेट, झालू के पूर्व चेयरमैन शहजाद अहमद, मुफ्ती अरशद, असलम राशिद, मुफ्ती वसीम, मुफ्ती फैजान मंडावर और दानिश चौधरी सहित कई गणमान्य लोग शामिल रहे।
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