मुजफ्फरनगर में “पत्नी का उकसावा पति को पड़ा भारी”, घटना के 5 माह बाद भी FIR नहीं, अब कोर्ट से न्याय की आस
मुजफ्फरनगर। शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला लद्दावाला में युवक जावेद की मौत का मामला अब कानूनी लड़ाई में तब्दील हो गया है। महीनों तक पुलिस की चौखट पर न्याय की गुहार लगाने के बाद, मृतक के परिजनों ने अब पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए न्यायालय की शरण ली है। परिजनों का आरोप है कि जावेद को उसकी पत्नी और ससुराल पक्ष ने मानसिक रूप से प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए मजबूर किया था।
22 जुलाई की घटना और पुलिस की भूमिका परिजनों के अनुसार, 22 जुलाई 2025 को ससुराल पक्ष के लोग जावेद के घर आए थे, जहाँ उनके बीच तीखी नोकझोंक हुई। इसी प्रताड़ना से तंग आकर जावेद ने उसी शाम 6 बजे अपने कमरे में आत्महत्या कर ली। परिवार का संगीन आरोप है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और बार-बार दी गई लिखित शिकायतों के बावजूद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की है।
न्यायालय से न्याय की आस पुलिस से निराश होकर पीड़ित परिवार ने अब धारा 174(3) बीएनएसएस (BNSS) के तहत न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल किया है, जिस पर अगली सुनवाई 2 जनवरी 2026 को प्रस्तावित है। परिवार ने सुरक्षा की दृष्टि से अपने घर पर सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए हैं और एसएसपी से निष्पक्ष जांच की मांग की है। जनपद में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर इतने गंभीर आरोपों के बाद भी पुलिस कार्रवाई से क्यों कतरा रही है।
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