मेरठ की अब्दुल्ला रेजिडेंसी में सिर्फ मुस्लिमों को मकान देने का आरोप, राज्यमंत्री की शिकायत पर जांच शुरू

मेरठ। हापुड़ रोड स्थित अब्दुल्ला रेजिडेंसी में सिर्फ मुस्लिम समुदाय को मकान बेचे जाने के आरोपों को लेकर मामला गरमा गया है। उत्तर प्रदेश सरकार में ऊर्जा राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर ने इस प्रकरण को गंभीर बताते हुए मेरठ के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर जांच और कार्रवाई की मांग की है।
राज्यमंत्री की शिकायत पर जिलाधिकारी ने तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है, जो कॉलोनी के निर्माण, बिक्री प्रक्रिया और धार्मिक भेदभाव से जुड़ी शिकायतों की जांच करेगी।
क्या है मामला?
अब्दुल्ला रेजिडेंसी का निर्माण मेरठ के हापुड़ रोड पर करीब 22,000 वर्ग मीटर भूमि पर किया जा रहा है। इस परियोजना में 78 विला बनाए जा रहे हैं, और लगभग 3,020 वर्ग मीटर क्षेत्र को कॉमर्शियल गतिविधियों के लिए चिह्नित किया गया है। जानकारी के अनुसार कॉलोनी में अधिकांश प्लॉट बिक चुके हैं।
राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर का आरोप है कि कॉलोनी में केवल मुस्लिम समुदाय को ही मकान बेचे जा रहे हैं, जबकि हिंदू खरीदारों को प्लॉट या मकान देने से इनकार किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि कॉलोनी के लेआउट प्लान में एक मस्जिद प्रस्तावित है, जिससे कॉलोनी की एकतरफा धार्मिक प्रकृति की पुष्टि होती है।
गैंगस्टर से संबंध का भी आरोप
शिकायत में यह भी उल्लेख है कि कॉलोनी का निर्माण नोएडा के एक बिल्डर द्वारा किया जा रहा है, जिसका संबंध कथित रूप से एक कुख्यात गैंगस्टर से भी बताया जा रहा है। यदि यह आरोप सही पाए जाते हैं तो पूरे प्रोजेक्ट की वैधता और सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठ सकते हैं।
जांच समिति करेगी पड़ताल
जिलाधिकारी द्वारा गठित समिति कॉलोनी के मानचित्र, स्वीकृतियों, बिल्डर की पृष्ठभूमि और बिक्री प्रक्रिया की विस्तृत जांच करेगी। जिलाधिकारी कार्यालय का कहना है कि प्रारंभिक जांच के बाद जरूरत पड़ने पर उच्च स्तर से जांच कराई जाएगी।
समाज में सवाल
इस प्रकरण ने स्थानीय स्तर पर साम्प्रदायिक संतुलन और सामाजिक समरसता को लेकर बहस छेड़ दी है। क्या धार्मिक आधार पर संपत्ति की बिक्री वैध है? क्या यह भारतीय संविधान की समानता की भावना के खिलाफ है? ऐसे सवालों के जवाब अब जांच रिपोर्ट से सामने आएंगे।