मेरठ मेडिकल कॉलेज ने साँप के काटे मरीज की जान बचाई, मरीज पूरी तरह स्वस्थ


साँप के काटने (Snake Bite) को चिकित्सा दृष्टि से एक आपातकालीन स्थिति माना जाता है। यह एक ऐसी अवस्था है जिसमें विषैले साँप के काटने से शरीर में ज़हर प्रवेश कर जाता है और यह ज़हर शरीर के विभिन्न अंगों पर प्रभाव डालता है।
भारत में साँप के काटने के मामलों की संख्या अधिक है। जो विशेषकर ग्रामीण और कृषि क्षेत्रों में अधिक होता है।
भारत में पाए जाने वाले प्रमुख विषैले साँप हैं कोबरा, करैत , रसेल वाइपर और सॉ-स्केल्ड वाइपर।
साँप के ज़हर में न्यूरोटॉक्सिन, हैमोटॉक्सिन या कार्डियोटॉक्सिन जैसे तत्व होते हैं, जो क्रमशः तंत्रिका तंत्र, रक्त प्रणाली, और हृदय पर असर डालते हैं। मेडिकल कॉलेज मेरठ ने इस बार भी एक सांप के काटने के मरीज को मौत से जीवित करने का कीर्तिमान बनाया है।
मरीज़ प्रशांत, 22 वर्षीय पुरुष, धनपुर, हापुड़ निवासी को दाहिने हाथ की तीसरी उंगली में साँप ने काट लिया था। जिसके बाद उसको मेडिकल कॉलेज मेरठ के स व भा प चिकित्सालय में भर्ती किया गया।
साँप के काटने से मरीज़ को काफ़ी समस्याएँ आ रही थीं। जिनमें बढ़ते दर्द, सूजन, लालिमा, काटने की जगह पर लगातार रक्तस्राव, चक्कर आना और नींद आना प्रमुख थीं। उन्हें तुरंत मेडिकल कॉलेज मेरठ के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अरविंद कुमार और डॉ. विवेक कुमार ऋषि के अधीन भर्ती किया गया और 22 वायल्स एंटी स्नेक बाइट वेनम और 20 फ्रेश फ्रोज़न प्लाज़्मा के साथ उपचार शुरू किया गया तथा अन्य सहायक उपायों के साथ संरक्षित रूप से प्रबंधित किया गया। मरीज़ ने मूत्र में रक्त और हाथ में तेजी से बढ़ते हुए सूजन की शिकायत की। इस संबंध में नेफ्रोलॉजी विभाग और सर्जरी विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों का परामर्श लिया गया।
मरीज़ को यथाशीघ्र टेली आईसीयू में स्थानांतरित किया गया। रोगी की लगातार निगरानी की गई। लगभग सात दिनों के बाद हाथ में सूजन कम होना शुरू हुआ। मरीज़ कुल 10 दिन चिकित्सालय में रहा और अंतिम दिन पर रोगी को मूत्र में रक्त की कोई अन्य शिकायत नहीं थी। मूत्र सामान्य था, हाथ में सूजन काफी हद तक कम हो गई थी और रोगी महत्वपूर्ण रूप से स्थिर और सचेत था। मरीज़ दिये गये उपचार और चिकित्सकों की टीम द्वारा प्रदान की गई देखभाल से पूर्णरूप से संतुष्ट था।
मेरठ में माह सितंबर 2025 को साँप के काटने की रिपोर्ट:-
मेडिकल कॉलेज मेरठ ने कई सांप के काटने के मरीजों का इलाज किया है। पिछले महीने सितंबर 2025 में 39 मरीज चिकित्सालय में भर्ती हुए। जिनमें से 28 मरीजों को जहरीले सांप ने काटा, जिनमें से 7 मरीजों को न्यूरोटॉक्सिक सांप ने और 4 मरीजों को वास्कुलोटॉक्सिक सांप ने काटा। सभी 39 सांप के काटने के मरीजों को एंटी-स्नेक बाइट वेनम, कंजरवेटिव मैनेजमेंट और सहायक देखभाल दी गई।39 साँप काटने के रोगियों में से 35 रोगियों का उपचार सफल रहा, 2 मामलों को उच्चतर केंद्र में भेजा गया और 2 मामले अस्पताल में देर से आने के कारण मृत्यु हो गई।
मेडिकल कॉलेज मेरठ ऐसे प्रकार के रोगियों के लिए उत्कृष्ट सुविधा और देखभाल प्रदान करता है, जिसमें निकट निगरानी और उचित प्रबंधन शामिल है। मरीजों के लिए मेडिकल कॉलेज में एंटी स्नेक बाइट वेनम की सुविधा और सभी सहायक प्रबंधन उपलब्ध है, साथ ही सर्वोत्तम मरीज देखभाल और मानवता के लिए महत्वपूर्ण दवाओं की नियमित आपूर्ति भी सुनिश्चित की जाती है। डॉक्टर हमेशा मरीजों के प्रबंधन के लिए मौजूद रहते हैं और मरीजों के जीवन को बचाने के लिए अपने सर्वोत्तम प्रयास और ज्ञान का उपयोग करके अथक परिश्रम करते हैं।
प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता ने मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर अरविंद कुमार एवं डॉ. विवेक कुमार ऋषि व उनकी टीम को उपरोक्त हेतु शुभकामनाएँ दी।
