यूपी में एयरपोर्ट्स का 'फ्लाइट ऑफ': उद्घाटन के बाद 7 एयरपोर्ट से उड़ानें बंद, चित्रकूट और कुशीनगर भी शामिल


| एयरपोर्ट का नाम | उद्घाटन की तिथि (PM मोदी द्वारा) | लागत (लगभग) | वर्तमान स्थिति | बंद होने की मुख्य वजह |
| चित्रकूट (डोमेस्टिक) | 10 मार्च 2024 | ₹146 करोड़ | 16 दिसंबर 2024 से उड़ानें बंद | ऑपरेशनल इश्यू और विजिबिलिटी की दिक्कत। |
| कुशीनगर (इंटरनेशनल) | 20 अक्टूबर 2021 | ₹260 करोड़ | विदेशी उड़ानें शुरू नहीं; दिल्ली फ्लाइट 7 नवंबर 2023 से बंद | यात्रियों की कमी और ILS (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) न लगना। |
| आजमगढ़ (डोमेस्टिक) | 10 मार्च 2024 | - | 23 नवंबर 2024 से उड़ानें बंद | यात्रियों की कमी (पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से लखनऊ पहुंचने लगे)। |
| अलीगढ़ (डोमेस्टिक) | 10 मार्च 2024 | - | उद्घाटन के 1 महीने बाद बंद | यात्रियों की कमी। |
| मुरादाबाद (डोमेस्टिक) | 10 मार्च 2024 | - | कुछ दिनों के बाद उड़ानें बंद | यात्रियों की कमी। |
| श्रावस्ती (डोमेस्टिक) | 10 मार्च 2024 | - | उड़ानें बंद | यात्रियों की कमी (लोग सड़क मार्ग से 3 घंटे में लखनऊ पहुंच जाते थे)। |
| सहारनपुर (डोमेस्टिक) | 20 अक्टूबर 2024 | ₹55 करोड़ | आज तक एक भी फ्लाइट शुरू नहीं | - |
केस स्टडी 1: चित्रकूट एयरपोर्ट
बुंदेलखंड के पहले एयरपोर्ट चित्रकूट से लखनऊ की उड़ानें 12 मार्च 2024 को शुरू हुईं थीं (किराया ₹55 मिनट के सफर के लिए)। एयरबिग कंपनी ने इसे संचालित किया, लेकिन 16 दिसंबर 2024 से उड़ानें बंद हो गईं। एयरपोर्ट डायरेक्टर आलोक सिंह के अनुसार, ऑपरेशनल इश्यू और विजिबिलिटी की दिक्कत के कारण कंपनी ने उड़ानें स्थगित कर दी हैं। फिलहाल, 70 कर्मचारी एयरपोर्ट पर तैनात हैं, लेकिन विमान नहीं उड़ रहे।
केस स्टडी 2: कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट
20 अक्टूबर 2021 को पीएम मोदी द्वारा उद्घाटन किए गए इस एयरपोर्ट पर ₹260 करोड़ खर्च हुए, लेकिन 47 महीने बाद भी यह अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू नहीं कर सका। दिल्ली-कुशीनगर फ्लाइट भी 7 नवंबर 2023 को बंद हो गई। एयरपोर्ट डायरेक्टर प्रणेश कुमार रॉय ने बताया कि एयरपोर्ट पर ILS (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) नहीं लग पाया है, क्योंकि 6 घरों का मामला कोर्ट में था, जो अब टूटा है। यात्रियों की कमी भी एक बड़ी वजह रही है।
श्रावस्ती: रेलवे स्टेशन नहीं, पर एयरपोर्ट बना
श्रावस्ती, जिसके पास अपना कोई रेलवे स्टेशन या सरकारी बस अड्डा भी नहीं है, वहां भी एयरपोर्ट बना। उद्घाटन के बाद लखनऊ के लिए 19 सीटर फ्लाइट शुरू हुई, जिसका किराया ₹523 रखा गया था। लेकिन, सड़क मार्ग से महज 3 घंटे में लखनऊ पहुंचने के चलते यात्रियों की कमी हुई और उड़ान बंद हो गई।
अन्य प्रस्तावित एयरपोर्ट्स
यूपी के 5 अन्य जिलों में भी एयरपोर्ट प्रस्तावित हैं, जिन पर काम चल रहा है। इनमें मेरठ, ललितपुर, सोनभद्र, लखीमपुर खीरी और नोएडा (जेवर) शामिल हैं।
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जेवर एयरपोर्ट: 26 नवंबर 2021 को इसका शिलान्यास हुआ था। यह एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। पहले चरण का काम लगभग पूरा हो गया है और 30 अक्टूबर 2025 को इसके उद्घाटन की उम्मीद है।
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ललितपुर: मार्च 2021 में घोषित, यह एयरपोर्ट डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और ड्रग पार्क के चलते भविष्य में महत्वपूर्ण हो सकता है।
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लखीमपुर खीरी (पलिया): यहां से उड़ानें शुरू हुईं, लेकिन लखनऊ से कोई यात्री नहीं मिला। वापसी में भी सिर्फ एक यात्री के साथ विमान लौटा।
इन घटनाओं से यह सवाल उठ रहा है कि करोड़ों रुपये खर्च करने से पहले क्या इन जगहों पर यात्रियों की पर्याप्त उपलब्धता और कनेक्टिविटी का सही सर्वे किया जाता है? कई जगहों पर आसपास के जिले से पहले ही उड़ानें जारी हैं, जिससे नए एयरपोर्ट्स को यात्री मिलना मुश्किल हो रहा है।
