बरेली में 41 घरों पर आज चल सकता है बुलडोजर: 'मोदी-योगी परिवार को ही उजाड़ रहे', रोते हुए गरीब बोले- अब कहां जाएंगे?


गरीबों का छलक उठा दर्द: 'मोदी-योगी हमें ही उजाड़ रहे हैं'
डेलापीर तालाब और शाहबाद मोहल्ले में 50-60 सालों से रह रहे इन लोगों का दर्द छलक उठा। यहां रहने वाले ज्यादातर लोग मजदूर वर्ग से हैं—पुरुष रिक्शा चलाते हैं तो महिलाएं घरों में चौका-बर्तन कर पेट पालती हैं। 40-50 गज में बने इन घरों पर बुलडोजर चलने के डर से लोग रो रहे हैं।
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बुजुर्ग रामबेटी (70): मकान खाली कर रही बुजुर्ग महिला रामबेटी ने कहा, "मोदी-योगी कहते हैं कि ये हमारा परिवार है, लेकिन आज अपने ही परिवार को उजाड़ रहे हैं... हम अपना मकान खाली कर रहे हैं, वरना नगर निगम वाले हमारे घर पर सामान सहित बुलडोजर चला देंगे।"
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सुनील मौर्या: उन्होंने भावुक होकर कहा, "यहां से हमारी बहुत सारी यादें जुड़ी हैं... हमारी कोई नहीं सुन रहा। हम लोग तो सरकार के लिए चींटी के समान हैं, गरीब में कोई जान नहीं है, वो पिस जाए, मर जाए।"
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लाखों का नुकसान: लोगों का कहना है कि उन्होंने वर्षों की मेहनत से एक-एक पैसा जोड़कर इन घरों को बनाने में लाखों रुपए लगाए हैं। कुछ लोगों की शादी यहीं हुई और अब उनके बच्चों की शादी की उम्र है।
कई लोगों ने कहा कि वे अब सड़कों पर रहेंगे, क्योंकि उनके पास रहने का कोई और ठिकाना नहीं है। कुछ लोगों ने तो यहां तक कह दिया कि वे यहीं बुलडोजर के नीचे दबकर मर जाएंगे, लेकिन अपना आशियाना नहीं छोड़ेंगे।
कहां-कहां चलेगा बुलडोजर
बरेली नगर निगम सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन करते हुए कार्रवाई कर रहा है। जिन स्थानों पर कार्रवाई प्रस्तावित है:
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डेलापीर और महेशपुर ठाकुरान (तालाब की जमीन): 14 घर (नौ डेलापीर और चार महेशपुर ठाकुरान)।
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शाहबाद मोहल्ला (सरकारी स्कूल की जमीन): 27 घर।
मुख्यमंत्री से नहीं हो पाई मुलाकात
अपना आशियाना बचाने के लिए इन लोगों ने लखनऊ से लेकर गोरखपुर तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने की दौड़ लगाई, लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो पाई। स्थानीय स्तर पर मंत्री डॉ. अरुण कुमार और मेयर डॉ. उमेश गौतम ने भी उनकी मदद करने से हाथ खड़े कर दिए हैं।
नगर निगम ने चेतावनी दी है कि दिए गए सात दिन में अगर कब्जा नहीं हटता है, तो पुलिस बल के साथ अवैध कब्जा हटाया जाएगा और बुलडोजर चलाने का खर्चा भी कब्जेदारों से ही वसूला जाएगा।
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