मेरठ। उत्तर प्रदेश के एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण ने एक बार फिर गंभीर रूप धारण कर लिया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार मेरठ 386 एक्यूआई (AQI) के साथ देश का चौथा सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। यह स्तर “बहुत खराब” श्रेणी में आता है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत खतरनाक माना जाता है।
सुबह-शाम स्मॉग की चादर, सांस लेना हुआ मुश्किल
पिछले कई दिनों से शहर में सुबह और शाम के समय घना स्मॉग छाया हुआ है। सड़कों, कॉलोनियों और खुले इलाकों में प्रदूषण की मोटी परत साफ नजर आ रही है। स्मॉग के कारण लोगों को आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
विशेष रूप से शाम 8 बजे के बाद स्थिति और गंभीर हो जाती है, जब दृश्यता बेहद कम हो जाती है और सड़क दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ जाता है।
एनसीआर के शहरों का दबदबा, टॉप-4 में सभी शामिल
सीपीसीबी की सूची में पहले चारों स्थान एनसीआर क्षेत्र के शहरों के नाम रहे।
• मुजफ्फरनगर – 407 AQI (देश में पहला स्थान)
• बागपत – 392 AQI
• नोएडा – 390 AQI
• मेरठ – 386 AQI
इन आंकड़ों ने साफ कर दिया है कि एनसीआर में वायु गुणवत्ता लगातार बिगड़ती जा रही है।
प्रदूषण बढ़ने के मुख्य कारण
विशेषज्ञों के अनुसार वायु प्रदूषण बढ़ने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं—
• वाहनों से निकलने वाला धुआं
• निर्माण कार्यों से उड़ती धूल
• औद्योगिक इकाइयों से उत्सर्जन
• पराली और कचरा जलाना
• मौसम में ठंड और हवा की गति कम होना
स्वास्थ्य पर गंभीर असर
डॉक्टरों का कहना है कि इतनी खराब हवा में लंबे समय तक रहना बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा व हृदय रोगियों के लिए बेहद खतरनाक है। सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ रही है।
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि—
• अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें
• मास्क का प्रयोग करें
• खुले में कचरा न जलाएं
• निजी वाहनों के बजाय सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें