डीआईजी ने विवेचना में लापरवाही पर जताई नाराजगी: मेरठ-बागपत के तीन सर्किलों में लंबित मामले बढ़े,सीओ को दी चेतावनी

मेरठ। डीआईजी मेरठ रेंज कलानिधि नैथानी ने लंबित विवेचनाओं के निस्तारण के लिए परिक्षेत्र स्तर पर “ऑपरेशन विवेचना” अभियान की समीक्षा की। इस अभियान के तहत मेरठ, बुलन्दशहर, बागपत और हापुड़ जनपदों में 28 फरवरी 2025 से 1 सितंबर 2025 तक 6 महीने की अवधि में सीसीटीएनएस पोर्टल पर प्रदर्शित लंबित विवेचनाओं की सर्किलवार समीक्षा की गई।
असंतोषजनक प्रदर्शन वाले सर्किल
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सर्किल बागपत: पहले 278 लंबित विवेचनाएं थीं, जो अब बढ़कर 332 हो गईं, अर्थात् 54 विवेचनाओं की वृद्धि।
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सर्किल ब्रहमपुरी: पहले 212 लंबित विवेचनाएं थीं, जो अब 244 हो गईं, अर्थात् 32 विवेचनाओं की वृद्धि।
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सर्किल दौराला: पहले 321 लंबित विवेचनाएं थीं, जो अब 356 हो गईं, अर्थात् 35 विवेचनाओं की वृद्धि।
डीआईजी ने संबंधित क्षेत्राधिकारियों को चेतावनी देते हुए विवेचना निस्तारण में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
सराहनीय प्रदर्शन वाले सर्किल
जनपद बुलन्दशहर के सर्किल स्याना, सिकन्द्राबाद और मेरठ के सिविल लाइन सर्किल ने विवेचना निस्तारण में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया:
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सर्किल स्याना: पहले 169 लंबित विवेचनाएं थीं, जो अब घटकर 132 रह गईं।
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सर्किल सिकन्द्राबाद: पहले 384 लंबित विवेचनाएं थीं, जो अब 307 रह गईं।
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सर्किल सिविल लाइन, मेरठ: पहले 269 लंबित विवेचनाएं थीं, जो अब 219 रह गईं।
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सर्किल गढ़, हापुड़: पहले 166 लंबित विवेचनाएं थीं, जो अब 142 रह गईं।
इन सर्किलों के प्रयासों की डीआईजी ने सराहना की।
डीआईजी के निर्देश और कार्रवाई
डीआईजी ने बताया कि परिक्षेत्र में पर्याप्त संख्या में निरीक्षक और उपनिरीक्षक तैनात हैं, फिर भी कुछ सर्किलों में विवेचना निस्तारण संतोषजनक नहीं रहा। उन्होंने क्षेत्राधिकारियों को अपने सर्किलों में बेहतर पर्यवेक्षण करने के निर्देश दिए। साथ ही, जनपद बागपत के नगर सर्किल पेशी कार्यालय में नियुक्त कर्मियों की कार्यदक्षता असंतोषजनक पाए जाने पर उन्हें पेशी कार्यालय से हटाकर अन्य सर्किलों के थानों की बीट में नियुक्त किया गया।