मंदिर में सात फेरे लेकर गौरव की हुई सहरीन, प्यार ने तोड़ी धर्म की दीवार – एकता की बनी मिसाल!

Moradabad News: गौतमबुद्ध नगर में एक ऐसी प्रेम कहानी सामने आई है जिसने समाज की परंपरागत सीमाओं को तोड़ दिया। अकबरपुर सिहाली निवासी गौरव और छजलैट क्षेत्र की सहरीन खातून अंसारी ने धर्म के बंधनों को तोड़कर मंदिर में सात फेरे लिए। दोनों ने जेवर स्थित आर्य समाज मंदिर में विवाह कर प्रेम की नई मिसाल पेश की। यह विवाह दोनों परिवारों की रजामंदी से संपन्न हुआ, जो उन प्रेमियों के लिए प्रेरणा है जो अलग-अलग धर्मों से होते हुए भी एक-दूसरे से सच्चा प्यार करते हैं।
पांच साल पुराना प्यार पहुंचा शादी के मुकाम पर

थाने पहुंचे और बताया अपना फैसला
शादी के बाद गौरव और सहरीन सीधे छजलैट थाने पहुंचे और पुलिस को पूरी बात बताई। उन्होंने बताया कि उन्होंने आपसी सहमति से विवाह किया है और अब साथ रहना चाहते हैं। पुलिस ने दोनों के बयान दर्ज कर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की। प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार ने बताया कि “दोनों बालिग हैं, अपनी मर्जी से शादी की है। सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें दिल्ली तक पहुंचा दिया गया है।” गौरव ने बताया कि वह अब दिल्ली में रहकर मेहनत-मजदूरी करेगा और पत्नी के साथ नई जिंदगी की शुरुआत करेगा।
मंदिर में फेरे, थाने में नमाज – एकता की अनोखी तस्वीर
शादी के बाद भी सहरीन खातून अंसारी ने अपना धर्म नहीं बदला। बुधवार को जब वह छजलैट थाने पहुंची तो उसने नमाज अदा की। पुलिस के पूछने पर उसने कहा, “मैंने गौरव से शादी की है, लेकिन अपना धर्म नहीं बदला है। हम दोनों अपने-अपने धर्म का सम्मान करते हुए साथ रहेंगे।” यह घटना न सिर्फ प्यार की ताकत को दिखाती है, बल्कि धार्मिक सह-अस्तित्व की एक अद्भुत मिसाल भी पेश करती है।
समाज के लिए प्रेरणा बनी गौरव-सहरीन की जोड़ी
गौरव और सहरीन की यह शादी उस समाज के लिए एक सबक है जो धर्म और जाति की दीवारों के बीच प्यार को कैद करना चाहता है। दोनों ने साबित किया कि जब दो दिल सच्चे इरादे से मिलते हैं तो न कोई धर्म आड़े आता है, न कोई समाज। प्यार, सम्मान और समानता पर टिकी यह कहानी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है।