मदरसे के अंदर चल रहा था गर्ल्स इंटर कॉलेज: जांच में चौकाने वाले खुलासे, शासन-प्रशासन तक मचा हड़कंप

दस्तावेजों की गहन जांच जारी

शनिवार को एसडीएम सदर डॉ. राममोहन मीना, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी दिलीप कुमार और जिला विद्यालय निरीक्षक देवेंद्र कुमार पांडेय समेत प्रशासनिक टीम ने स्थल पर पहुंचकर जांच की। रजिस्टर, प्रवेश रिकार्ड और शिक्षक उपस्थिति पत्रक खंगाले गए।
जांच में मिली अनियमितताएं
निरीक्षण के समय मदरसे में अधिकांश शिक्षक अनुपस्थित पाए गए, और सामान्य दिनों के मुकाबले आधी से भी कम छात्राएं मौजूद थीं। टीम के अनुसार, जब वे दोपहर करीब 2 बजे पहुंचे, तब परिसर लगभग खाली था। प्रधानाचार्य रहनुमा अवकाश पर थीं जबकि प्रवेश सेल प्रभारी मोहम्मद शाहजहां पहले से ही जेल भेजे जा चुके हैं।
प्रारंभिक जांच में कई विसंगतियां मिलने के बाद शनिवार शाम मदरसे का रिकॉर्ड सील कर दिया गया। एसडीएम ने पुष्टि की कि सोमवार को टीम दोबारा जांच के लिए लौटेगी।
मौसी के शक से खुली नई परत
पूरा मामला तब सामने आया जब छात्रा की मौसी के एक फोन कॉल ने प्रशासन का ध्यान खींच लिया। जानकारी के मुताबिक, गुजरात में रहने वाली मौसी ने प्रधानाचार्या को चेतावनी दी थी कि छात्रा को उसके पिता के साथ न भेजा जाए। बाद में जब छात्रा के पिता ने पुनः दाखिला कराने की प्रक्रिया शुरू की, तो स्टाफ ने वर्जिनिटी सर्टिफिकेट मांगकर विवाद को जन्म दे दिया।
सीओ राजेश कुमार ने बताया कि छात्रा की मौसी से संपर्क किया गया है और उनके बयान दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह घटना अब न सिर्फ प्रशासनिक जांच बल्कि पुलिस जांच का भी केंद्र बन चुकी है।
मुफ्त शिक्षा के नाम पर फीस वसूली
स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि मदरसा संचालक अख्तर शम्सी ने वर्ष 2000 में गांव पल्लूपुरा मिलक को ‘गोद’ लेने की घोषणा करते हुए सभी बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा देने का वादा किया था। लेकिन शुरूआती सालों के बाद उन्होंने फीस वसूलना शुरू कर दिया।
ग्रामीणों का कहना है कि अब स्थिति यह है कि फीस एक दिन भी देरी से देने पर बच्चों को फटकार लगाई जाती है और कक्षा से बाहर कर दिया जाता है। प्रधानपति मुस्तकीम के अनुसार, "मदरसे की नींव निश्शुल्क शिक्षा के नाम पर रखी गई थी, लेकिन हर साल फीस बढ़ाई जा रही है और बच्चे कम होते जा रहे हैं।”
प्रशासनिक कार्रवाई की तैयारी
जांच टीम ने मदरसे के सभी अभिलेख सील कर दिए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, प्रारंभिक रिपोर्ट में मान्यता से लेकर संचालन तक कई स्तरों पर अनियमितताएं सामने आई हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक ने कहा कि “पूरे मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार की जा रही है ताकि आगे की विधिक कार्रवाई शुरू की जा सके।
फिलहाल प्रशासनिक हलकों में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है, और सोमवार को होने वाली दोबारा जांच से इस कथित शिक्षा घोटाले की और भी कई तहें खुलने की उम्मीद है।
