इस रबी सीजन में करें चने की खेती, कम मेहनत में पाएं जबरदस्त मुनाफा – जानिए पूरी जानकारी
आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसी फसल की जो गांव-गांव में किसानों की पहली पसंद बन चुकी है क्योंकि ये फसल मेहनत कम और मुनाफा ज्यादा देती है जी हां हम बात कर रहे हैं चने की खेती की। चना एक ऐसी दलहनी फसल है जो ठंडे मौसम में बहुत बढ़िया उत्पादन देती है और सबसे खास बात यह है कि इसे कम पानी में भी उगाया जा सकता है।
चना क्यों है किसानों की पहली पसंद
दोस्तों चना एक दलहनी फसल है जिसमें नाइट्रोजन की मात्रा अधिक होती है जिससे मिट्टी की उर्वरता अपने आप बढ़ जाती है। चने की खेती के लिए ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं होती यही वजह है कि यह फसल उन इलाकों में भी खूब फलती है जहां पानी की कमी रहती है। जिन किसानों के पास सीमित सिंचाई संसाधन हैं वे भी चने की खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
चना बुवाई के लिए नवंबर का महीना बहुत अच्छा माना जाता है। जब खेत में हल्की नमी बनी रहती है तब बुवाई करनी चाहिए। इसकी बुवाई के 40 से 45 दिन बाद पहली सिंचाई और फिर 60 से 65 दिन बाद दूसरी सिंचाई करनी चाहिए। इससे फसल को पर्याप्त नमी मिल जाती है और दानों का विकास बेहतर तरीके से होता है।
सिंचाई का सही समय बहुत जरूरी
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि चने की फसल में सिंचाई का सही समय बहुत महत्वपूर्ण होता है। अगर फूल आने के बाद सिंचाई की गई तो फसल को नुकसान हो सकता है। इससे फूल झड़ जाते हैं और दाने बनने में कमी आ जाती है। इसलिए हमेशा ध्यान रखें कि फूल आने से पहले सिंचाई पूरी कर लें।
अगर आपके खेत में पहले से नमी है या हाल ही में हल्की बारिश हुई है तो सिंचाई की जरूरत नहीं होती। विशेष रूप से काली मिट्टी वाले खेतों में अधिक पानी देने से फसल “गर्रा” जाती है यानी पौधे में तो बढ़वार होगी लेकिन फल नहीं लगेंगे। इससे उत्पादन पर सीधा असर पड़ेगा।
आधुनिक तकनीक से बढ़ रहा है उत्पादन
आज के समय में किसान भाई आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे चने की उपज में लगातार वृद्धि हो रही है। खेत की अच्छी तैयारी सही बीज का चुनाव और समय पर सिंचाई से चने की फसल बहुत अच्छा प्रदर्शन करती है। सिंचित क्षेत्रों में भी अब किसान बड़ी मात्रा में चना बो रहे हैं क्योंकि इसकी बाजार में मांग लगातार बढ़ रही है।
कई जगहों पर चने का उपयोग सिर्फ दाल के रूप में नहीं बल्कि बेसन और पशु आहार के लिए भी किया जाता है जिससे इसकी कीमतें स्थिर बनी रहती हैं। यही कारण है कि किसान अब इसे एक कैश क्रॉप की तरह देखने लगे हैं।
कम खर्च में ज्यादा फायदा
अगर आप खेती में लागत घटाना चाहते हैं और ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो चना आपके लिए एक बेहतर विकल्प है। इसमें न तो ज्यादा पानी की जरूरत होती है और न ही ज्यादा खाद या दवा की। बस सही समय पर बुवाई और सिंचाई करें तो प्रति हेक्टेयर 18 से 22 क्विंटल तक उपज आसानी से मिल सकती है।
इससे किसान भाइयों को लाखों रुपये तक की कमाई हो सकती है खासतौर पर तब जब वे अपनी उपज को मंडी में अच्छे भाव पर बेचें।
दोस्तों कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि चना एक ऐसी फसल है जो छोटे और बड़े दोनों किसानों के लिए लाभदायक है। सही समय पर सिंचाई, उर्वर मिट्टी और थोड़ी मेहनत से आप कम लागत में शानदार कमाई कर सकते हैं। इस रबी सीजन में अगर आपने अभी तक तय नहीं किया है कि क्या बोना है तो चना आपके लिए सबसे बढ़िया विकल्प हो सकता है।
