सर्दियों में करें इन हरी सब्जियों की खेती और कमाएं लाखों — पालक, मेथी और लाल भाजी से बनेगा हर किसान अमीर


पालक की खेती से 30 दिन में मोटा मुनाफा

पालक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसकी पहली कटाई सिर्फ 25 से 35 दिनों में शुरू हो जाती है। प्रति एकड़ करीब 150 से 250 क्विंटल तक उपज मिलती है। बाजार में पालक की मांग हमेशा बनी रहती है और इसका भाव 15 से 25 रुपये प्रति गड्डी तक होता है। सबसे बढ़िया बात ये है कि पहली कटाई के बाद हर 20 से 25 दिन में दूसरी कटाई भी हो सकती है, जिससे लगातार आमदनी मिलती रहती है।
मेथी की खेती में कम लागत, ज्यादा कमाई
मेथी की खेती सर्दियों में सबसे लोकप्रिय फसलों में से एक है क्योंकि यह कम लागत में जल्दी तैयार हो जाती है। अक्टूबर माह में इसकी बुवाई करना सबसे अच्छा रहता है। एक एकड़ खेत में सिर्फ 8 से 10 किलो बीज की जरूरत होती है और कुल लागत करीब ₹30,000 से ₹40,000 तक आती है।
मेथी की फसल 25 से 30 दिनों में तैयार होकर बाजार में 50 से 60 रुपये प्रति किलो बिकती है। प्रति एकड़ 28 से 32 क्विंटल तक उपज मिलती है जिससे किसानों को ₹3 से ₹4 लाख तक का लाभ हो सकता है। यही कारण है कि मेथी को सर्दियों की सबसे फायदेमंद फसलों में गिना जाता है।
लाल भाजी की खेती से भी शानदार फायदा
लाल भाजी यानी लाल चुकंदर जैसी पत्तेदार सब्जी भी सर्दी के मौसम में खूब बिकती है। इसकी खेती एक एकड़ में करने पर कुल लागत करीब ₹10,000 से ₹16,000 तक आती है। वहीं इससे ₹70,000 से ₹1.5 लाख तक का शुद्ध मुनाफा संभव है।
यह फसल भी सिर्फ 25 से 30 दिनों में तैयार हो जाती है और इसकी बाजार में हमेशा अच्छी मांग बनी रहती है। लाल भाजी पोषक तत्वों से भरपूर होती है इसलिए शहरों में इसकी बिक्री तेजी से होती है।
विशेषज्ञों की सलाह: तीनों फसलों को साथ लगाना फायदेमंद
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर किसान पालक, मेथी और लाल भाजी की खेती को एक साथ मिश्रित रूप में करते हैं तो यह सबसे बेहतरीन रणनीति साबित होती है। इससे जोखिम कम होता है और आय लगातार बनी रहती है।
बुवाई से पहले बीजों का फफूंदनाशक से उपचार करना बहुत जरूरी है और खेत की मिट्टी दोमट तथा जल निकासी वाली होनी चाहिए ताकि फसल स्वस्थ बढ़ सके।
सर्दी के इस मौसम में जो किसान मेहनत के साथ थोड़ी समझदारी दिखाएंगे, उनके लिए ये तीनों हरी फसलें सोने की खान साबित होंगी। तो दोस्तों देर मत कीजिए, मौसम को अपने हक में बदलें और खेतों को मुनाफे की फसलों से भर दें।