धनिया की इस खास किस्म से होगी जबरदस्त कमाई: सालभर रहती है मांग और लागत भी बेहद कम
आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसी फसल की जो न सिर्फ आपके खेत की हरियाली बढ़ाती है बल्कि आपकी जेब को भी भर देती है जी हां हम बात कर रहे हैं धनिया की खेती की। धनिया एक ऐसी फसल है जिसकी मांग पूरे साल बनी रहती है क्योंकि इसका उपयोग मसाले के साथ-साथ हरी सब्जी और औषधीय पौधे के रूप में भी किया जाता है। अच्छी बात ये है कि इसकी खेती के लिए ज्यादा लागत की जरूरत नहीं पड़ती और मुनाफा बहुत शानदार मिलता है।
धनिया की खेती क्यों है खास
गुजरात धनिया 3 किस्म की खासियत
गुजरात धनिया 3 किस्म की पत्तियां गहरे हरे रंग की, सुगंधित और बेहद कोमल होती हैं जो खाने का स्वाद बढ़ा देती हैं। यह किस्म बीज और पत्तियों दोनों के व्यावसायिक उत्पादन के लिए आदर्श मानी जाती है। इसकी बुवाई का सही समय अक्टूबर के मध्य से नवंबर तक होता है। बुवाई से पहले बीजों को हल्के हाथों से रगड़कर दो हिस्सों में विभाजित कर लेना चाहिए और फिर उपचारित कर बोना चाहिए इससे अंकुरण बेहतर होता है और उत्पादन अधिक मिलता है।
खेती शुरू करने से पहले खेत की गहरी जुताई करें और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए गोबर की अच्छी सड़ी हुई खाद डालें। बुवाई के बाद पहली सिंचाई तुरंत करनी चाहिए फिर हर 12 से 15 दिन के अंतराल पर पानी देना जरूरी होता है। जब फसल में फूल और दाने आने लगें तब सिंचाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि पैदावार बढ़ सके।
परिपक्वता और उत्पादन क्षमता
गुजरात धनिया 3 किस्म की फसल बीज उत्पादन के लिए लगभग 113 से 115 दिनों में तैयार हो जाती है जबकि पत्तियों के लिए इससे पहले भी तोड़ी जा सकती है। यह किस्म अपने आकर्षक हरे रंग और खुशबू के कारण बाजार में जल्दी बिक जाती है। एक हेक्टेयर में इसकी खेती करने से किसान भाई 80 से 100 क्विंटल हरी पत्तियां और 12 से 15 क्विंटल बीज का उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। यानी थोड़ी सी मेहनत और सहीदेखभाल से किसान भाई लाखों रुपये तक का मुनाफा कमा सकते हैं।
धनिया की यह किस्म किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रही है क्योंकि इसकी मांग सालभर बनी रहती है। अगर किसान समय पर सिंचाई और उर्वरक प्रबंधन करें तो गुजरात धनिया 3 से शानदार उपज प्राप्त की जा सकती है।
