बीजेपी बूथ अध्यक्ष राहुल शर्मा हत्याकांड मामले में पूर्व विधायक उमेश मलिक समेत सभी आरोपी बरी, कोर्ट ने कहा 'साक्ष्य का अभाव'
मुजफ्फरनगर। थाना मंसूरपुर क्षेत्र के गांव खुब्बापुर में 27 सितंबर 2012 को हुए बीजेपी बूथ अध्यक्ष राहुल शर्मा हत्याकांड से जुड़े एक बहुचर्चित मुकदमे में शुक्रवार को एमपी/एमएलए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। न्यायाधीश देवेंद्र फौजदार ने पूर्व विधायक उमेश मलिक सहित इस मुकदमे के सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है।
क्या था मामला ?
यह मुकदमा राहुल शर्मा की हत्या के तीन दिन बाद, यानी 2012 में दर्ज किया गया था।
-
पृष्ठभूमि: राहुल शर्मा की हत्या के तीन दिन बाद जब पूर्व विधायक उमेश मलिक गांव खुब्बापुर पहुँचे थे, तब उनकी राजनीतिक छवि धूमिल करने के आरोप में एक विशेष वर्ग के कुछ लोगों द्वारा उनके विरुद्ध यह मुकदमा दर्ज कराया गया था।
-
धाराएं: यह मामला धारा 147 (बलवा), 148 (घातक हथियार से बलवा), 149 (सामान्य उद्देश्य), 452 (अतिक्रमण), 427 (नुकसान), 506 (आपराधिक धमकी) आईपीसी और 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट के तहत पंजीकृत हुआ था।
-
विचारण: इस मुकदमे में कुल 11 लोग आरोपी बनाए गए थे, जिनमें से आठ के विरुद्ध विचारण (ट्रायल) चल रहा था।
13 साल बाद मिली राहत
लगभग 13 साल पुराने इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्यामवीर सिंह बालियान, बृजेंद्र मलिक और सौरभ कुमार ने पैरवी की। बचाव पक्ष की ठोस दलीलों और अभियोजन द्वारा साक्ष्य प्रस्तुत न कर पाने के आधार पर न्यायालय ने सभी अभियुक्तों को दोषमुक्त घोषित कर दिया। यह निर्णय राजनीतिक और कानूनी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
