नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करें या उपमुख्यमंत्री का पद ही खत्म कर दें-उद्धव ठाकरे की फडणवीस सरकार को चेतावनी
मुंबई। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी पार्टी को विधानसभा और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष का पद नहीं दिया गया, तो वे उपमुख्यमंत्री के पद की वैधानिकता को अदालत में चुनौती देंगे।
उद्धव ठाकरे ने सोमवार को नागपुर में महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और विधान परिषद के सभापति राम शिंदे से मुलाकात के बाद तथा दोनों सदनों में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति के लिए ज्ञापन सौंपा।
उद्धव ठाकरे ने मीडिया से बातचीत में कहा, "मैंने उपमुख्यमंत्री के पद का मुद्दा उनके सामने रखा है। क्योंकि यह पद भी संवैधानिक नहीं है। अगर आप नेता प्रतिपक्ष के पद में कानूनी अड़ंगा डालोगे, तो हम उपमुख्यमंत्री के पद का विरोध करेंगे। कुछ लोग अपने नाम के आगे उपमुख्यमंत्री की उपाधि लगा रहे हैं। जिन्हें चाहिए नहीं, उनके नाम के आगे यह उपाधि लगा दी गई है। उपमुख्यमंत्री का यह पद तुरंत खत्म किया जाना चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "विपक्ष ने दोनों सदनों में नेता प्रतिपक्ष के लिए दो-दो विधायकों/सदस्यों के नाम सुझाए हैं, लेकिन अभी तक दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। नेता प्रतिपक्ष तय करने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष और परिषद सभापति को है। इसलिए हमने नियम के अनुसार उनसे अनुरोध किया है कि दोनों सदनों में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति करें, क्योंकि अभी दोनों सदनों में नेता प्रतिपक्ष नहीं है।"
उद्धव ठाकरे ने मीडिया से कहा, "हमने उनसे अनुरोध किया है कि इस शीतकालीन सत्र के अंत तक नेता प्रतिपक्ष का फैसला कर लें। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस पर विचार किया जा रहा है, लेकिन पिछले सत्र में भी यही कहा गया था। तब भी कहा था कि जल्द फैसला लेंगे, लेकिन वह जल्द कभी आया ही नहीं।"
उद्धव ठाकरे ने आगे कहा, "हमें उम्मीद है कि शीतकालीन सत्र खत्म होने से पहले दोनों सदनों को नेता प्रतिपक्ष मिल जाएगा। हम जनता के सवाल उठा रहे हैं, यह हमारा कर्तव्य है। लेकिन नेता प्रतिपक्ष का एक दर्जा होता है। वह प्रशासन और अधिकारियों से अधिकार के साथ बात कर सकता है, सवाल पूछ सकता है। प्राप्त जानकारी के आधार पर सरकार को जवाबदेह ठहरा सकता है। लेकिन लगता है यह सरकार सोच रही है कि उसे नेता प्रतिपक्ष चाहिए ही नहीं।"
