मद्रास हाई कोर्ट के जज जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग, 107 विपक्षी सांसदों ने स्पीकर को सौंपा प्रस्ताव; मंदिर-दरगाह के 'दीपक जलाने' वाले आदेश पर बवाल
नई दिल्ली। देश की राजनीति और न्यायपालिका के बीच उस वक्त हलचल मच गई जब विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' ब्लॉक के 107 सांसदों ने मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस जीआर स्वामीनाथन को उनके पद से हटाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक महाभियोग प्रस्ताव सौंप दिया।
महाभियोग प्रस्ताव का मुख्य आधार जस्टिस स्वामीनाथन द्वारा दिया गया एक न्यायिक आदेश है। जज स्वामीनाथन ने तमिलनाडु की तिरुप्परनकुंद्रम पहाड़ी पर स्थित सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर के प्रशासन को एक निर्देश दिया था। यह निर्देश मंदिर परिसर के पास बनी सिकंदर बादशाह दरगाह के पास 'दीपक जलाने की परंपरा' को फिर से शुरू करने से संबंधित था।
विपक्ष के आरोप और बीजेपी का रुख
विपक्षी सांसदों का आरोप है कि जस्टिस स्वामीनाथन ने अपने न्यायिक व्यवहार में 'पक्षपात' दिखाया है और उनके फैसले से 'विशेष समुदाय' को अनुचित लाभ मिला है। विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने जज के व्यवहार पर गंभीर सवाल उठाए हैं और इसे न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए खतरा बताया है।
दूसरी तरफ, सत्ताधारी बीजेपी ने इस महाभियोग प्रस्ताव को बेवजह और राजनीति से प्रेरित बताया है। बीजेपी नेताओं ने विपक्षी दलों पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया है कि वे सिर्फ राजनीतिक हित साधने के लिए न्यायपालिका पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं और यह प्रस्ताव पूरी तरह से निंदनीय है।
फिलहाल, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला इस महाभियोग प्रस्ताव पर विचार करेंगे, जिसके बाद आगे की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू होगी। इस प्रस्ताव ने देश की न्यायिक और राजनीतिक हलकों में एक नई बहस छेड़ दी है।
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