सोनिया गांधी को कोर्ट के नोटिस पर सियासी पारा हाई, नागरिकता से पहले वोटर लिस्ट में नाम दर्ज होने का आरोप, बीजेपी बोली- इसी लिए SIR ज़रूरी
उन पर आरोप लगा है कि भारतीय नागरिकता मिलने से पहले ही उनका नाम दिल्ली की मतदाता सूची में दर्ज कर लिया गया था। इस मामले की जांच करवाने और उन पर केस दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने की अदालत ने सोनिया गांधी और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
सियासी घमासान और पक्ष-विपक्ष का रुख
कोर्ट द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बाद इस मुद्दे पर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है।
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विपक्ष का हमला (कांग्रेस): विपक्षी नेताओं ने इस घटनाक्रम को बीजेपी की 'डराने की राजनीति' का हिस्सा बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब कांग्रेस मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया पर सवाल उठा रही है, तो जानबूझकर उसके सबसे बड़े नेता को निशाना बनाया जा रहा है ताकि विरोध की आवाज़ को दबाया जा सके।
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एनडीए की प्रतिक्रिया (बीजेपी): दूसरी ओर, एनडीए के नेता इस नोटिस को सही ठहरा रहे हैं और कांग्रेस पर हमलावर हैं। बीजेपी के नेताओं ने कहा कि यह नोटिस ही इस बात का प्रमाण है कि मतदाता सूचियों में अनियमितताएं हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि "इसलिए देश में SIR जरूरी है," ताकि ऐसी गड़बड़ियों को ठीक किया जा सके और मतदाता सूचियां त्रुटिहीन बन सकें।
फिलहाल, इस कानूनी नोटिस पर सोनिया गांधी को या तो स्वयं या अपने वकील के माध्यम से अदालत में जवाब देना होगा, लेकिन इस बीच इस मामले ने राष्ट्रीय राजनीति को गर्मा दिया है।
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