मुज़फ्फरनगर में छपार टोल प्लाजा विवाद गहराया, हटाए गए कर्मचारियों का कंट्रोल रूम में धरना जारी
मुजफ्फरनगर: राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित छपार टोल प्लाजा पर एक बार फिर तनाव की स्थिति बन गई है। टोल ठेकेदार द्वारा काम पर वापस न लिए जाने से नाराज़ हटाए गए कर्मचारियों ने गुरुवार को टोल के कंट्रोल रूम में धरना शुरू कर दिया है। 62 कर्मचारियों की बहाली की माँग पर अड़े कर्मचारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी पूर्ण वापसी नहीं होती, तब तक धरना जारी रहेगा।
क्या है विवाद?
कंपनी ने काम संभालते ही पुराने कर्मचारियों को फिर से नौकरी से बाहर कर दिया। कर्मचारियों को 3 दिसंबर तक दोबारा आवेदन करने और पुलिस सत्यापन देने को कहा गया था। 5 दिसंबर को जब कर्मचारी टोल पर पहुँचे, तो उन्हें बताया गया कि केवल 29 पुराने कर्मचारियों को ही वापस रखा गया है।
हटाए गए कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि उनकी दी गई 62 कर्मचारियों की सूची में से एक भी व्यक्ति को वापस नहीं लिया गया है। वहीं, टोल मैनेजर मुकेश चौहान ने दावा किया कि जो रखे गए हैं, वे पुराने कर्मचारी ही हैं और 15 अन्य को भी जल्द रखा जाएगा।
भाकियू (तोमर) की मध्यस्थता विफल
विवाद बढ़ता देख भारतीय किसान यूनियन (तोमर) के युवा प्रदेश अध्यक्ष अंकित गुर्जर मौके पर पहुँचे। उन्होंने एनएचएआई (NHAI) परियोजना प्रबंधक संतोष कुमार से वार्ता की।
-
सहमति का प्रयास: वार्ता में 40 कर्मचारियों को टोल पर रखने और शेष को बहादराबाद टोल प्लाजा पर समायोजित (Adjust) करने पर सहमति बनी।
-
कर्मचारियों का इनकार: हालाँकि, हटाए गए कर्मचारियों ने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया। उनका कहना है कि सभी पुराने 62 कर्मचारियों को छपार टोल पर ही वापस लिया जाए, अन्यथा धरना समाप्त नहीं होगा। टोल ठेकेदार से वार्ता विफल होने के बाद यह गतिरोध बरकरार है।
संबंधित खबरें
लेखक के बारे में
रॉयल बुलेटिन उत्तर भारत का प्रमुख हिंदी दैनिक है, जो पाठकों तक स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय खबरें तेज़, सटीक और निष्पक्ष रूप में पहुँचाता है, हिंदी पत्रकारिता का एक भरोसेमंद मंच !
