मुजफ्फरनगर में GRAP-3 लागू , प्रशासन सख्त, प्रदूषण फैलाने वाले बिल्डिंग मटेरियल और कोल्हू उद्योगों को नोटिस जारी
मुजफ्फरनगर। दिल्ली से मात्र 120 किलोमीटर दूर स्थित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के बाद कार्रवाई तेज हो गई है। जिले का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 से ऊपर पहुँचने के कारण, 11 नवंबर को CAQM (कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट) द्वारा GRAP-3 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान-3) लागू कर दिया गया है।
बिल्डिंग मटेरियल इकाइयों पर कार्रवाई
पीसीबी की टीम ने शहर से सटे कई बिल्डिंग मटेरियल स्टोर पर छापा मारा जहाँ नियमों का उल्लंघन पाया गया:
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खुले में डंपिंग: खांजापुर में ओम साई राम बिल्डिंग मटेरियल, भोपा रोड पर श्यामा जी ट्रेडर्स और काली नदी पुल के पास गजराज बिल्डिंग मटेरियल पर जांच की गई। इन स्थानों पर बिल्डिंग मटेरियल खुले में डंप किया गया था, जिससे धूल उड़कर गंभीर वायु प्रदूषण बढ़ा रही थी।
जनरेटर और कोल्हू इकाइयों पर भी शिकंजा
उसी दिन भोपा रोड पर स्थित अन्य इकाइयों और ग्रामीण क्षेत्रों के कोल्हू उद्योगों पर भी सख्त कार्रवाई की गई:
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जनरेटर उल्लंघन: रविता सेंडर्स, तिरुपति सेंडर्स और दमिनी हेल्थ फूड्स पर छापेमारी की गई। इन इकाइयों में नियमों के विरुद्ध जनरेटर चलाए जा रहे थे, जिससे ध्वनि और वायु प्रदूषण फैल रहा था।
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कोल्हू पर छापा: बुधवार को बिजनौर रोड पर वलीपुरा और मुझेड़ा के सोनू, फूल मियां और शाहने रजा के कोल्हूओं पर भी छापा मारा गया, जहाँ नियमों का उल्लंघन पाया गया।
उल्लंघन पाए जाने पर इन सभी बिल्डिंग मटेरियल इकाइयों, जनरेटर संचालित इकाइयों और कोल्हू संचालकों को नोटिस जारी कर बंद करने का आदेश दिया गया है।
सैकड़ों मजदूर प्रभावित, पुलिस का कड़ा रुख
पीसीबी के सहायक इंजीनियर कुंवर संतोष ने बताया कि प्रदूषण के खिलाफ यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि GRAP-3 के तहत निर्माण गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध है और BS-III श्रेणी के वाहनों के संचालन पर भी रोक लगाई गई है।
मुजफ्फरनगर में बिल्डिंग मटेरियल और कोल्हू उद्योग प्रमुख हैं, और GRAP-3 के लागू होने से इन उद्योगों से जुड़े सैकड़ों मजदूर प्रभावित हो सकते हैं। प्रशासन प्रदूषण के प्रति जागरूकता अभियान भी चला रहा है, जबकि भविष्य की योजना के तहत CAQM ने 2025 तक एनसीआर में 1006 इलेक्ट्रिक बसें बढ़ाने की योजना बनाई है।
