रूसी ड्रोनों की पोलैंड में घुसपैठ, नाटो अलर्ट पर, टस्क ने बुलाई आपात बैठक

वारसॉ (पोलैंड)/न्यूयॉर्क (अमेरिका)/लंदन (ब्रिटेन)। उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सदस्य देश पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने कहा कि रात भर बड़ी संख्या में रूसी ड्रोन ने हवाई सीमा का उल्लंघन कर घुसपैठ की। उन्होंने बुधवार सुबह सोशल मीडिया पर कहा, "जिन ड्रोनों से सीधा खतरा पैदा हो रहा था, उन्हें मार गिराया गया। मैं नाटो महासचिव और अपने सहयोगियों के साथ लगातार संपर्क में हूं।"
एबीसी न्यूज चैनल की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। रिपोर्ट के अनुसार पोलैंड की सेना ने कहा कि पोलैंड और उसके सहयोगी देशों के लड़ाकू विमान इस दौरान देश के आसमान पर उड़ते रहे। इनमें डच एफ-35 लड़ाकू विमान भी शामिल हैं। वारसॉ ने कहा कि बुधवार तड़के सैन्य तनाव समाप्त हो गया। मार गिराए गए ड्रोनों और संभावित प्रभाव स्थलों की तलाश जारी है। पोलैंड की सैन्य कमान ने इस उल्लंघन को "अभूतपूर्व" बताते हुए कहा कि ये "एक आक्रामक कार्रवाई है, जिससे हमारे नागरिकों की सुरक्षा को वास्तविक खतरा पैदा हुआ है।" कमान ने कहा कि ड्रोन हमले से कोई भी हताहत नहीं हुआ।
नाटो की प्रवक्ता एलिसन हार्ट ने सोशल मीडिया पर कहा कि महासचिव मार्क रूट पोलैंड के साथ गहन परामर्श कर रहे हैं। प्रवक्ता ने पुष्टि की कि कई ड्रोन पोलैंड में घुस गए थे। सूचना मिलते हैं नाटो की सुरक्षा प्रणाली को सक्रिय कर दिया गया। नाटो मुख्यालय एलाइड पॉवर्स यूरोप ने सोशल मीडिया पर एक बयान में कहा कि पोलैंड स्थित जर्मन पैट्रियट (सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों) को अलर्ट पर रखा गया है। एक इतालवी हवाई पूर्व चेतावनी विमान तैनात किया गया है। एक हवाई ईंधन भरने वाला नाटो का विमान भी पोलैंड भेजा गया है।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस घटना की निंदा की है। उन्होंने एक्स पोस्ट में कहा, "मैं रूस से इस कदम को रोकने का आह्वान करता हूं। मैं पोलिश लोगों और उनकी सरकार के प्रति अपनी पूरी एकजुटता दोहराता हूं।" यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने एक्स पोस्ट में कहा, "यूरोप एक लड़ाई में है। यह हमारी स्वतंत्रता और अपने भाग्य का निर्धारण करने और अपनी क्षमता को परखने की लड़ाई है।" उन्होंने कहा कि यूरोप पोलैंड के साथ पूरी एकजुटता से खड़ा है।" यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बुधवार तड़के इस उल्लंघन को "एक और उग्र कदम" बताया है। क्रेमलिन ने इस पर तुरंत कोई बयान जारी नहीं किया।
पोलैंड ने कहा कि रूसी ड्रोन से सबसे अधिक खतरा पोडलास्की, माज़ोवीकी और लुबेल्स्की क्षेत्रों में था। पोलिश प्रधानमंत्री टस्क ने बुधवार तड़के एक असाधारण सरकारी बैठक बुलाई। बैठक में देश के आपातकालीन और सैन्य अधिकारियों को एक साथ लाया गया। एक वरिष्ठ पोलिश अधिकारी ने बताया कि ड्रोन घुसपैठ के जवाब में वारसॉ "नाटो संधि के अनुच्छेद 4 को लागू करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है"। यह अनुच्छेद किसी नाटो सदस्य को ऐसे मुद्दे पर परामर्श के लिए सहयोगियों की बैठक बुलाने की अनुमति देता है। पोलैंड ने इससे पहले 24 फरवरी, 2022 को अनुच्छेद 4 लागू किया था। इसी दिन रूस ने यूक्रेन पर अपना पूर्ण आक्रमण शुरू किया था। वारसॉ के अनुसार पोलैंड के उपप्रधानमंत्री और विदेशमंत्री राडोस्लाव सिकोर्स्की ने उच्चसत्रीय बैठक से पहले यूक्रेनी विदेश मंत्री आंद्रेई सिबिहा से मुलाकात की।