नागपुरः दहेगाँव गोवारी कोयला खनन परियोजना की लोक सुनवाई सम्पन्न, ग्रामीणों का मिला समर्थन

नागपुर। नागपुर जिले के वलानी क्षेत्र में प्रस्तावित दहेगाँव गोवारी कोयला ब्लॉक भूमिगत खनन परियोजना की पर्यावरणीय लोक सुनवाई सफलतापूर्वक आयोजित की गई। इस सुनवाई में स्थानीय ग्रामीणों, अधिकारियों और पर्यावरण विशेषज्ञों की उपस्थिति रही।
परियोजना के लिए प्रस्तावित 1,562 हेक्टेयर में से मात्र 24.05 हेक्टेयर भूमि का उपयोग खनन संचालन और हरित पट्टिका के लिए किया जाएगा। भूमिगत खनन होने के कारण न पुनर्वास की आवश्यकता होगी और न ही सतही धसाव की कोई आशंका है। सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ माइनिंग एंड फ्यूल रिसर्च (CIMFR), धनबाद के अनुसार इसका पर्यावरणीय प्रभाव न्यूनतम रहेगा।
स्थानीय स्तर पर विकास को मिलेगा बल
परियोजना से लगभग 700 प्रत्यक्ष और 1,600 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे। स्थानीय युवाओं को निर्माण काल में ट्रैक्टर, खुदाई यंत्र, माल ढुलाई जैसी सेवाओं से भी स्वरोजगार मिलेगा।
खनन क्षेत्र में कुल 189.74 मिलियन टन भू-वैज्ञानिक भंडार हैं, जिनमें से 79.537 मिलियन टन खनन योग्य और 46.19 मिलियन टन निष्कर्षण योग्य हैं। खनन की गहराई 100 से 590 मीटर तक होगी और परियोजना का अनुमानित जीवनकाल 50 वर्ष निर्धारित किया गया है।
पर्यावरण संरक्षण को मिलेगी प्राथमिकता
पर्यावरण संरक्षण के तहत 5,000 पौधों की रोपाई की जाएगी, जिसमें कदंब, शीशम, मौलसारी, जम्भुल जैसे स्थानीय वृक्षों को प्राथमिकता दी जाएगी।
पानी का पुनर्चक्रण, शोर और धूल नियंत्रण, हरित पट्टिका विकास, और वर्षा जल संचयन जैसे उपाय लागू किए जाएंगे। शुद्धिकरण के बाद उपयोग में लाए गए पानी को प्राकृतिक जलाशयों में छोड़ा जाएगा ताकि किसान इसका उपयोग सिंचाई में कर सकें।
सामाजिक सरोकारों को मिलेगा बढ़ावा
परियोजना के सीएसआर कार्यक्रमों के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढाँचा, कौशल विकास और महिला सशक्तिकरण पर ध्यान दिया जाएगा।
स्थानीय स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों, मोबाइल मेडिकल यूनिट, स्वास्थ्य शिविरों, सौर स्ट्रीट लाइटिंग और ग्रामीण जलाशयों का विकास योजना का हिस्सा होगा।
आर्थिक लाभ और जीवन स्तर में सुधार
परियोजना से राज्य को कर और रॉयल्टी के रूप में राजस्व प्राप्त होगा, वहीं क्षेत्रीय स्तर पर जीवन स्तर में सुधार और सामाजिक कल्याण को भी बल मिलेगा।
यह लोक सुनवाई पर्यावरणीय नियमों के तहत आवश्यक प्रक्रिया का एक हिस्सा थी, जो पारदर्शिता और जन सहभागिता को दर्शाती है।