संभावित खतरे पर बिहार अलर्ट: नेपाल आंदोलन के बाद सीमाई सुरक्षा कड़ी की गई

Bihar News: नेपाल में हाल ही में हुए GenZ आंदोलन और जेल तोड़कर कैदियों के भाग जाने की घटनाओं के बाद बिहार सरकार ने सतर्कता और सुरक्षा इंतजामों को और मजबूत कर दिया है। राज्य के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की अध्यक्षता में 10 सितंबर 2025 को एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। इसमें नेपाल सीमा से सटे जिलों के पुलिस अधीक्षक (SP) और जिलाधिकारी (DM) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। बैठक का उद्देश्य था—नेपाल की ताजा घटनाओं से उत्पन्न संभावित खतरों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करना।
सीमाई जिलों को विशेष गाइडलाइन
संवेदनशील ठिकानों पर बढ़ी निगरानी
मुख्य सचिव ने खासतौर पर राज्य की महत्वपूर्ण आधारभूत संरचनाओं जैसे पुल, रेलवे स्टेशन, पावर प्लांट, बांध और प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इन संवेदनशील ठिकानों पर किसी भी तरह की अप्रिय घटना या तोड़फोड़ की आशंका को देखते हुए सुरक्षा में किसी भी स्तर की चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई
बैठक में प्रत्यय अमृत ने अधिकारियों को यह भी आश्वस्त किया कि किसी भी आपात परिस्थिति या अतिरिक्त संसाधन की जरूरत पड़ने पर वे सीधे उनसे या राज्य के पुलिस महानिदेशक से संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि प्रशासन को किसी भी परिस्थिति में निर्णय लेने में देरी नहीं करनी चाहिए। इस व्यवस्था से सीमाई जिलों के पुलिस और प्रशासन को त्वरित कार्रवाई करने में सहूलियत होगी।
उच्च अधिकारियों की मौजूदगी में बनी रणनीति
इस बैठक में पुलिस महानिदेशक (DGP) विनय कुमार और अपर पुलिस महानिदेशक (ADG) कुंदन कृष्णन भी मौजूद रहे। इसके अलावा गृह विभाग के वरीय पदाधिकारी, सभी प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस महानिरीक्षक (IG) और पुलिस अधीक्षक (SP) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक से जुड़े। बैठक में सामूहिक रूप से यह रणनीति बनाई गई कि आने वाले दिनों में सीमाई जिलों में इंटेलिजेंस नेटवर्क और मजबूत किया जाए और नेपाल की स्थिति पर चौबीसों घंटे नजर रखी जाए।