गाजियाबाद में ₹410 करोड़ का महाघोटाला: वकील चला रहा था CGST चोरी का गैंग, ₹73 करोड़ की धोखाधड़ी
गाजियाबाद: सीजीएसटी (केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर) गाजियाबाद आयुक्तालय के अधिकारियों ने एक बड़े फर्जी इनवॉइस रैकेट का पर्दाफाश करते हुए रैकेट के मुख्य सरगना को गिरफ्तार किया है। यह संगठित गिरोह 410 करोड़ रुपये के फर्जी जीएसटी इनवॉइस जारी कर रहा था, जिसके माध्यम से 73.70 करोड़ रुपये का अवैध इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) लिया गया।
पेशे से वकील था मुख्य आरोपी
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ऑपरेशन का तरीका: आरोपी व्यक्तियों के केवाईसी दस्तावेजों की जालसाजी और दुरुपयोग करता था। वह खुद को फर्जी फर्मों के अधिकृत प्रतिनिधि के रूप में गलत तरीके से पंजीकृत कर लेता था।
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अकेले संचालन: विनय सिंह सभी फर्जी फर्मों के जीएसटी पोर्टल, ई-वे बिल पोर्टल, टीडीएस पोर्टल और व्यक्तिगत ईमेल खातों के यूजरनेम, पासवर्ड, और ओटीपी अपने मोबाइल नंबर पर प्राप्त कर अकेले ही इस पूरे रैकेट का संचालन कर रहा था।
₹73 करोड़ के राजस्व को चूना
सीजीएसटी गाजियाबाद के एंटी-इवैज़न प्रकोष्ठ को विश्वसनीय खुफिया सूचना मिलने के बाद कार्रवाई शुरू की गई। जाँच में उजागर हुआ कि आरोपी का एकमात्र उद्देश्य फर्जी जीएसटी इनवॉइस जारी करना था, जबकि वस्तुओं या सेवाओं की कोई वास्तविक आपूर्ति नहीं की जाती थी।
यह सरकारी राजस्व को चूना लगाने की एक सुनियोजित कोशिश थी, जिसमें ₹410 करोड़ के संरचित फर्जी लेन-देन के इनवॉइस बनाए गए और ₹73.70 करोड़ का फर्जी आईटीसी उपयोग किया गया।
गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई
आरोपित विनय सिंह को 5 दिसंबर को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है। उस पर धारा 132 के तहत दंडनीय अपराधों के आरोप लगाए गए हैं और उसे न्यायिक हिरासत के लिए सक्षम न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है। मामले की आगे की जाँच जारी है।
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