काठमांडू की हिंसा में फंसा गाजियाबाद का परिवार: आग, गोलीबारी और मौत के बीच होटल में कैद, बोले - "हर पल मौत का डर"

गाजियाबाद/काठमांडू। नेपाल की राजधानी काठमांडू इन दिनों भयानक हिंसा, आगजनी, और गोलियों की गूंज के साए में जी रहा है। इसी खौफनाक हालात के बीच गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित ATS सोसाइटी के निवासी उमेश सारस्वत, उनकी पत्नी और दो अन्य परिवारों सहित कुल चार भारतीय परिवार काठमांडू के एक होटल में फंसे हुए हैं।
अब तक की जानकारी के अनुसार, हिंसा में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, और 300 से अधिक घायल हैं। पूरा शहर कर्फ्यू की चपेट में है और हजारों पर्यटक होटल या घरों में कैद होकर रह गए हैं।
"हर तरफ आग, गोलियां, और लाशें..." - उमेश सारस्वत
जब पत्रकारों ने फोन पर उमेश सारस्वत से संपर्क किया तो उनकी आवाज में कंपकंपाहट साफ झलक रही थी। उन्होंने बताया कि "8 तारीख से होटल के कमरे में कैद हैं। बाहर आग, लूट, और गोलीबारी का माहौल है। रात को नींद नहीं आती। कल निकलने की कोशिश की थी, लेकिन फ्लाइट कैंसिल हो गई। आज फिर उम्मीद है कि 4:40 की फ्लाइट से दिल्ली पहुंच जाएंगे। बस अब घर वापस लौटने की दुआ है।"
भारतीय दूतावास और सरकार की कोशिशें जारी
काठमांडू में 700 से ज्यादा भारतीय पर्यटक फंसे हुए हैं। भारत सरकार ने स्पेशल फ्लाइट्स और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया है। वहीं भारतीय दूतावास और नेपाली आर्मी मिलकर लोगों को सुरक्षित निकालने का काम कर रही है।
परिवार की सांसें अटकीं, बेटा बोला - हर मिनट भारी
गाजियाबाद में उमेश के बेटे ऋषभ सारस्वत ने बताया कि"जब पापा का फोन आता है तो दिल बैठ जाता है। दूतावास से बात हुई है, उन्होंने भरोसा दिया है कि सब लोग सुरक्षित लौट आएंगे। लेकिन ये इंतजार बहुत मुश्किल है। हर मिनट एक जंग की तरह लग रहा है।"
अब उम्मीद है कि आज शाम तक ये सभी परिवार दिल्ली एयरपोर्ट पर सुरक्षित उतरेंगे और घरवालों से मिलेंगे।