-एक करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने का आरोप
नयी दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने बलिया जिले में दो लोगों को सरकारी खजाने से एक करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने के आरोप में 10 साल की सजा सुनाई।
सीबीआई ने शुक्रवार को बताया कि दोषी लोगों में तत्कालीन ग्राम प्रधान सत्य नारायण प्रसाद पटेल और कोटेदार शाहनवाज आलम शामिल हैं। अदालत ने उन पर कुल 55,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
सीबीआई ने 2008 में बलिया जिले के नरही पुलिस थाना से मामले को अपने हाथ में लिया था और 172 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। आरोपियों ने धोखाधड़ी, जालसाजी और संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना (एसजीआरवाई) के तहत जाली दस्तावेज तैयार करके सरकार को 65 लाख रुपये की नकदी और 45.26 लाख रुपये के अनाज का गलत नुकसान पहुंचाया और उसी हिसाब से खुद भी फायदा उठाया।
सीबीआई ने 2010 में बलिया में जिला ग्रामीण विकास एजेंसी (डीआरडीए) के उस समय के मुख्य वित्तीय और लेखा अधिकारी सत्येंद्र सिंह गंगवार के साथ-साथ पटेल और आलम के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। अदालत ने गुरूवार को इस मामले में पटेल और आलम को दोषी ठहराया और सजा सुनाई। अदालत ने सत्येंद्र सिंह गंगवार को हालांकि सभी आरोपों से बरी कर दिया।