नोएडा: ई-स्कूटी लीज स्कीम के नाम पर 85 हजार की ठगी, पुलिस ने दो शातिर अभियुक्त गिरफ्तार
नोएडा। दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में रहने वाले मध्यम वर्ग के लोगों को ई-स्कूटी कंपनी की लुभावनी लीज स्कीम दिखाकर उनके नाम पर ई-स्कूटी खरीदने का झांसा देकर 85 हजार रुपए की ठगी करने वाले एक शातिर बदमाश को थाना फेस-2 पुलिस ने आज गिरफ्तार किया है। अभियुक्त प्रत्येक ई-स्कूटी पर 7 हजार रुपए प्रतिमाह, 3 वर्षों तक किस्त व लाभांश देने तथा 3 वर्ष की अवधि पूर्ण होने के बाद उक्त ई-स्कूटी वापस करने का लुभावना प्रलोभन देकर लोगों से ठगी कर रहा था। इस मामले में कई पीड़ितों ने संबंधित थानों में मुकदमा दर्ज कराया था।
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि थाना फेस-2 पुलिस ने लोकल इंटेलिजेंस व गोपनीय सूचना की सहायता से ई-स्कूटी लीज स्कीम के नाम पर धोखाधड़ी करने वाला शातिर अभियुक्त सौरभ मिश्रा पुत्र रंजीत कुमार मिश्रा को भंगेल से गिरफ्तार किया है। इस अभियुक्त का एक साथी गाजियाबाद पुलिस द्वारा एक अन्य धोखाधड़ी के मामले में जेल ीेजाा जा चुका है।
डीसीपी ने बताया कि अभियुक्त गौरव मिश्रा व सौरभ मिश्रा द्वारा अपने सहयोगियों के साथ मिलकर एक पूर्व नियोजित योजना के तहत भंगेल स्थित चैतन्य बिल्डिंग में कार्यालय खोलकर एनसीआर क्षेत्र के लोगों को ई-स्कूटी कंपनी की लुभावनी स्कीम दिखाकर उनके नाम पर ई-स्कूटी खरीदने का झांसा देकर एवं प्रतिमाह किस्त के रूप में लाभांश देने का प्रलोभन देकर उनके साथ धोखाधड़ी कर रहे थे। इस प्रकार प्राप्त की गई धनराशि को अभियुक्तों द्वारा अपने-अपने बैंक खातों में अर्जित किया जाता था। वर्तमान में चेतन बिल्डिंग स्थित कार्यालय को अभियुक्त बंद करके फरार हो गए थे। इस धोखाधड़ी के संबंध में पीड़ित व्यक्तियों द्वारा थाना फेस-2 में अभियोग पंजीकृत कराया गया था।
उन्होंने बताया कि अभियुक्त गौरव मिश्रा एवं सौरभ मिश्रा अपने सहयोगियों के साथ मिलकर दिल्ली, गाजियाबाद एवं नोएडा (एनसीआर क्षेत्र) में रहने वाले लोगों को ई-स्कूटी निवेश व लीज योजना के नाम पर प्रत्येक ई-स्कूटी के लिए 85 हजार की धनराशि जमा कराने का कार्य करते थे। पीड़ितों को झूठा आश्वासन दिया जाता था कि उनके नाम पर ई-स्कूटी खरीद ली गई है तथा कंपनी द्वारा उसका संचालन किया जा रहा है। इसके एवज में अभियुक्त प्रत्येक ई-स्कूटी पर 7 हजार रुपए प्रतिमाह 3 वर्षों तक किस्त व लाभांश देने तथा 3 वर्ष की अवधि पूर्ण होने के बाद उक्त ई-स्कूटी वापस करने का लुभावना प्रलोभन देते थे।
अभियुक्त अपने कस्टमर को इस प्रकार आकर्षक, भ्रामक एवं विश्वासजनक वादों के जाल में फंसाते थे कि शिकायतकर्ता को यह आभास तक नहीं होता था कि वह एक सुनियोजित धोखाधड़ी का शिकार हो रहा है।
उन्होंने बताया कि अभियुक्त गौरव मिश्रा एवं सौरभ मिश्रा द्वारा अपने सह-अभियुक्तों के साथ मिलकर ई-स्कूटी कंपनी के नाम से सुनियोजित स्कीम तैयार की गई थी, जिसके माध्यम से लोगों को लालच देकर धोखाधड़ी की जाती थी तथा प्राप्त धनराशि को अपने-अपने बैंक खातों में जमा कर अवैध लाभ अर्जित किया जाता था। उन्होंने बताया कि अभियुक्त गौरव मिश्रा साइबर ठगी के एक अन्य प्रकरण में पूर्व में कमिश्नरेट गाजियाबाद से गिरफ्तार होकर जेल भेजा जा चुका है तथा वर्तमान में जिला कारागार गाजियाबाद में निरुद्ध है।
