नोएडा। सेक्टर 66 स्थित मार्क हॉस्पिटल में सोमवार दोपहर ऑक्सीजन पाइपलाइन फटने से अफरा-तफरी मच गई। घटना के समय आईसीयू और वेंटिलेटर पर भर्ती मरीजों की हालत बिगड़ने लगी, जिससे परिजनों में हड़कंप मच गया। स्टाफ ने आनन-फानन में गंभीर मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट करना शुरू किया।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि अस्पताल में सुरक्षा के मानक केवल कागज़ों तक सीमित हैं। “यह हादसा लापरवाही का नतीजा है,” एक मरीज के परिजन ने कहा। उनका आरोप है कि अस्पताल के ऑक्सीजन सिस्टम का रखरखाव महीनों से नहीं हुआ था।
सूत्रों के अनुसार, मार्क हॉस्पिटल का नक्शा अभी तक नोएडा प्राधिकरण से पास नहीं हुआ है, और फायर NOC पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं। जिला स्वास्थ्य विभाग को घटना की जानकारी दे दी गई है, हालांकि अब तक किसी अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण नहीं किया।
स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच के आदेश ज़रूर दिए हैं, लेकिन लोगों का कहना है कि यह केवल औपचारिकता भर है।
गौरतलब है कि कुछ महीने पहले भी इसी अस्पताल में ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर लापरवाही की शिकायतें सामने आई थीं। दोबारा ऐसा हादसा होना प्रशासनिक निगरानी पर सवाल खड़े करता है।
फिलहाल, अस्पताल परिसर में पुलिस तैनात कर दी गई है और तकनीकी टीम पाइपलाइन की मरम्मत में जुटी है।
जिला प्रशासन ने कहा है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
लेकिन बड़ा सवाल यही है — क्या हर बार किसी हादसे के बाद ही जागेगा सिस्टम?
मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वालों पर आखिर कब होगी सख्त कार्रवाई?
