नोएडा: एमिटी विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह में पीयूष गोयल ने छात्रों को दी देशभक्ति और सफलता की सीख
नोएडा। केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि डिग्री प्राप्त करना छात्रों के लिए बेहद सुखद भरा क्षण होता है जब उन्हें स्वयं द्वारा की गई मेहनत का परिणाम प्राप्त होता है।
केन्द्रीय मंत्री ने उक्त विचार नोएडा के सेक्टर-125 स्थित एमिटी विश्वविद्यालय परिसर में आ से आयोजित चार दिवसीय दिवसीय दीक्षांत समारोह के शुभारंभ के दौरान कही। उन्होंने कहा कि एमिटी के संस्थापक डॉ. अशोक चौहान देश की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हमें प्रेरित करते रहते हैं। सभी छात्रों को हदय से बधाई, और उन्हें देश और एमिटी का झंडा ऊंचा रखना चाहिए। जब आप विश्वविद्यालय में होते हैं, तो आप अपने शिक्षक की कड़ी मेहनत की तारीफ नहीं करते, लेकिन एक बार जब आप पास आउट हो जाते हैं, तो आप अपनी जिंदगी में शिक्षर्कों की भूमिका को समझते हैं और उसकी तारीफ करते हैं। एमिटी में छात्रों की जीवंतता, विषयो की विविधता, पाठयक्रम और छात्रों को मिलने वाले अवसरों का कमाल का है।
यह देखकर खुशी होती है कि आधे छात्र युवा लड़कियां हैं, और मैंने एमिटी के कई पेटेंट धारकों और नवाचारों का अवार्ड दिया है। एमिटी के लगभग 50 शिक्षक सदस्य रामलिंगम स्वामी फेलो हैं जिन्होंने वापस आकर अपनी मातृभूमि की सेवा करने का फैसला किया है, जो तारीफ के काबिल है। उन्होंने छात्रों को राजनिती में आने, देश की सेवा करने और समाज को कुछ वापस देने की सलाह दी। पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री के पांच सिद्धांतों के मार्गदर्शकों को भी दोहराया, और कहा कि हम सभी को मिलकर 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने का संकल्प लेना चाहिए। मंत्री ने कहा कि हमें अपनी औपनिवेशिक सोच छोड़नी होगी, जो भारत की तरक्की में रुकावट है।
बता दें कि इस 4 दिवसीय में कुल 28 हजार से अधिक प्रबंधन, इंजिनियिरिंग एंव टेक्नोलॉजी, एलाइड सांइसेस, कृषि, रिहेबिलिटेशन सांइसेस, कानून, पत्रकारिता, जनसंचार, फाइन आर्टस, परफार्मिंग आर्ट आदि के छात्रों को डिग्री प्रदान की जायेगी।
दीक्षांत समारोह में एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा. अशोक कुमार चौहान, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश के चांसलर डा. अतुल चौहान, एमिटी विद्यालय समूह की चेयरपरसन डा. अमिता चौहान, एमिटी विश्वविद्यालय हरियाणा के चांसलर डा. असीम चौहान, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. आशुतोष शर्मा सहित अन्य उपस्थित रहें।
