पिता की शहादत के बाद भी नहीं टूटा हौसला, मां के संघर्ष ने बेटे को बनाया भारतीय सेना का अधिकारी

Lieutenant Shubham Kumar: बक्सर जिले के चौसा प्रखंड के सोनपा गांव के शुभम कुमार ने भारतीय थल सेना में लेफ्टिनेंट बनकर पूरे क्षेत्र का मान बढ़ाया है। शुभम की इस उपलब्धि से उनके गांव में जश्न का माहौल है। ढोल-नगाड़ों और मिठाइयों के साथ ग्रामीणों ने उनकी सफलता का स्वागत किया।
परिवार की गौरवशाली परंपरा
मां के संघर्ष और भाई की प्रेरणा
मीरा देवी ने पति के निधन के बाद शुभम और उनके छोटे भाई को शिक्षा और संस्कार की मजबूत नींव दी। उनका छोटा भाई डॉ. शिवम कुमार वर्तमान में केरल में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। मीरा देवी का कहना है कि शुभम का सपना बचपन से ही सेना में अधिकारी बनने का था और उन्होंने उसे कभी टूटने नहीं दिया।
पढ़ाई और ट्रेनिंग में हमेशा आगे
शुभम बचपन से ही पढ़ाई और अनुशासन में तेज रहे। उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) की कठिन परीक्षा पास कर तीन वर्षों तक कठोर सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके बाद गया स्थित ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी (ओटीए) में शनिवार को पासिंग आउट परेड के बाद उन्हें भारतीय थल सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्त किया गया।
सफलता पर मिला सम्मान
शुभम की इस कामयाबी पर समाजसेवी मकरध्वज सिंह, कुमार और राजू सिंह सहित क्षेत्र के अन्य लोगों ने उन्हें बधाई दी। उनका कहना है कि शुभम की यह सफलता युवाओं को प्रेरित करेगी और देश सेवा की ओर उनका रुझान बढ़ाएगी। शुभम की इस उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे बक्सर जिले को गर्व से भर दिया है।
क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणा
वर्तमान में शुभम का परिवार बक्सर के मल्लाह चकिया हवाई अड्डा के पास रहता है। उनकी इस उपलब्धि ने पूरे इलाके में नई ऊर्जा और उम्मीद भर दी है। शुभम कुमार का यह संघर्ष और सफलता युवाओं के लिए एक जीवंत उदाहरण है कि कठिन परिस्थितियों के बावजूद सपनों को पूरा किया जा सकता है।